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100 साल पुराना 2.5 रु का नोट, ज्यादा दिन नहीं बचा पाया अपनी वैल्यू

फरवरी 1918 को अंग्रेजी हुकूमत ने दो रुपये 8 आने का नोट जारी किया था.

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भारत
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ठीक 100 साल पहले फरवरी 1918 को उस समय की अंग्रेजी हुकूमत ने ढाई रुपये का नोट जारी किया था. दरअसल ये ढाई का नहीं, 2 रुपये 8 आने का नोट था. उस समय 16 आना मतलब एक रुपया होता था.

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 फरवरी 1918 को अंग्रेजी हुकूमत ने दो रुपये 8 आने का नोट जारी किया था.
1918 में 16 आने का मतलब एक रुपया होता था
(फोटो: Banknote Index)
पहला विश्‍वयुद्ध अपने चरम पर था और उस समय चांदी के सिक्के का चलन था. चांदी की कमी की वजह से अंग्रेजों को यह फैसला लेना पड़ा.

अंग्रेजों ने अमेरिकी सरकार की मदद से तांबा और निकेल के सिक्के जारी किए. साथ ही 1 और ढाई रुपये का नोट जारी किए. इससे उस समय तक सबसे कम वैल्यू का नोट 5 रुपये का हुआ करता था.

ढाई रुपये के नोट को 1926 में खत्म कर दिया गया. इस नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने की सबसे बड़ी वजह यह रही थी कि इसका लोगों में चलन बढ़ नहीं सका. उसी समय जारी 1 रुपये के नोट को भी 1926 में वापस ले लिया गया था. लेकिन उस नोट की फिर से एंट्री हो गई.

इस तरह ढाई रुपये का नोट की लाइफ महज 8 सालों की रही.

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