जासूसी के मामले में 13 नौसेना कर्मियों समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से हनीट्रैप में फंसाया.
नौसेना के सूत्रों ने कहा कि 11 नौसेना कर्मियों और दो नागरिकों को अब तक जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में सेवा कर्मियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल संदिग्ध प्रोफाइल के संपर्क में हैं.
आंध्र प्रदेश पुलिस के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं और उन्हें नौसेना इंटेलिजेंस पूरी मदद कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, ये मामला संयुक्त रूप से तब शुरू हुआ आंध्र प्रदेश पुलिस, नेवल इंटेलिजेंस और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों ने नौसेना के सात कर्मियों को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से जासूसी में शामिल थे.
नौसेना की जानकारी हुई थी लीक
पुलिस ने जिन नौसेना के जवानों को पकड़ा है वह मुंबई, कारवार (कर्नाटक) और विशाखापत्तनम सहित विभिन्न नौसेना ठिकानों से हैं. हनीट्रैप में फंसने के बाद इन लोगों ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक कर दी थी.
सोशल मीडिया के दुरुपयोग के बाद भारतीय नौसेना ने अपने कर्मियों पर फेसबुक, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया.
भारतीय सेना और वायु सेना में सोशल मीडिया नहीं है बैन
भारतीय सेना और वायु सेना ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है, भले ही उन्होंने पिछले कुछ महीनों में इसी तरह के मामलों का सामना किया हो.
नौसेना के सूत्रों ने कहा कि स्मार्टफोन के उपयोग पर अचानक प्रतिबंध ने कर्मियों के लिए परिवारों के साथ संपर्क स्थापित करने और कर्मियों के उपयोग के लिए दूसरे डिजिटल काम के उपयोग का मुद्दा यहां उठाया गया है.
नौसेना ने 2 जी कनेक्टिविटी का उपयोग करते हुए पुराने मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति दी है, जो विशेषज्ञों को लगता है कि सीमित उपयोग का है और संभवतः इसे इंटरसेप्ट किया जा सकता है.
हालांकि, नेवी के सूत्रों ने कहा कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल और सोशल मीडिया पर कर्मियों की पहचान को लेकर प्रतिबंध लंबे समय से मौजूद हैं और उन्हें इस समय सख्ती से लागू किया जा रहा है.
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