सरकार के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के 15 महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक लौटाये गये नोटों की गिनती, गुणा-भाग और उनके असली-नकली होने की पहचान में लगा है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह तेजी से इस काम को कर रहा है. साथ ही वह लौटाये गये नोटों के ‘असली-नकली' होने के साथ ही उनकी सही गिनती और मिलान करने का काम कर रहा है.
आरटीआई में हुआ खुलासा
सूचना के अधिकार के तहत दाखिल अर्जी का जवाब देते हुये रिजर्व बैंक ने यह बात कही है. रिजर्व बैंक की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, ‘‘इन बैंक नोटों की गिनती की सटीकता और वास्तिवकता की पहचान की जा रही है और इनका मिलान भी किया जा रहा है. इसलिए इस संबंध में मिलान और गिनती की प्रक्रिया के पूरे होने पर ही जानकारी साझा की जा सकती है.''
नोटबंदी के दौरान बंद हुए नोटों की संख्या जानने के लिए दाखिल की गई इस आरटीआई अर्जी के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा-
‘‘रिजर्व बैंक को मिले पुराने नोटों का अनुमानित मूल्य 30 जून 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये रहा है. हालांकि, इसकी पुष्टि, नोटों की गिनती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी, और इस आंकड़े पर भविष्य में संशोधन की संभावना बनी रहेगी.’’आरटीआई पर आरबीआई का जवाब
पूरे जोरों पर जारी है काम
इस काम के खत्म होने की समय-सीमा के बारे में बैंक ने कहा है कि वह बहुत तेज गति से इसे अंजाम दे रहा है. 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों की जांच और सत्यापन के लिए 59 मशीनें काम में लगी हुई हैं. हालांकि, बैंक ने इन मशीनों के स्थान के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी.
बता दें कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसकी जगह पर 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे. साथ ही कुछ समय बाद 200 रुपये के नए नोट भी जारी किये गए.
(इनपुट: भाषा)
ये भी पढ़ें - कानपुर में एक घर से मिले 100 करोड़ के पुराने नोट
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)