अयोध्या में पिछले महीने धूमधाम से सरयू महोत्सव का आयोजन हुआ था. तब वहां चारों ओर संस्कृत में वैदिक मंत्र गूंज रहे थे. एक बार फिर सरयू के तट पर धार्मिक बोलों की गूंज सुनाई देगी. इस बार ये गूंज होगी कुरान की आयतों की, जिसे मुस्लिम समाज के 1500 लोग एकसाथ पढ़ेंगे.
गुरुवार को होने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी तादाद में मौलवी भी शामिल होंगे. इस पहल को भाईचारे का संदेश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस और इसकी मुस्लिम विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से किया जा रहा है. इस कार्यक्रम को यूपी सरकार का समर्थन भी हासिल है. माना जा रहा है कि यह आयोजन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश में एकता, अमन-चैन और भाईचारे को कायम रखने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करवा रही है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह संयोजक मुरारी दास ने बताया कि गुरुवार को सरयू नदी के किनारे करीब 1500 मुस्लिम समाज के मौलवी और आम मुसलमान इकट्ठा होंगे. पहले वे सरयू नदी के पानी से वजू करेंगे, इसके बाद कुरान की आयतें पढ़ेंगे.
कुरान की आयतें सरयू नदी के किनारे मौजूद नूह अली सलाम दरगाह पर पढ़ी जाएंगी. इस कार्यक्रम के जरिए पूरी दुनिया में ये संदेश देने की कोशिश है कि अयोध्या हिंदू और मुस्लिम, दोनों का है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि यह अपने आप में एक अनोखा आयोजन होगा, जब इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग एक साथ सरयू नदी के किनारे कुरान की आयतें पढ़ेंगे. इसी दौरान दूसरी तरफ, मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चार और सरयू आरती का भी आयोजन किया जाएगा.
अयोध्या में लगभग 200 सूफी संतों के मकबरे और मजारें हैं. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में शामिल होने वाले मौलाना बाद में मकबरों और मजारों पर भी जाएंगे. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की इस कवायद को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में सौहार्द वाला माहौल बनाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. खबर है कि इस कार्यक्रम में आरएसएस के कई वरिष्ठ नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे.
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