(महात्मा गांधी की जयंती पर इस स्टोरी को दोबारा पब्लिश किया जा रहा है.)
2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती है. हम उन्हें राष्ट्रपिता मानते हैं, हमने उनके अहिंसा, सत्याग्रह जैसे सिद्धांतों पर कई बार सवाल उठाया है. हमने उन्हें हर नोट पर लगाया, हमने ही भ्रष्टाचार फैलाया.
महात्मा गांधी की इस सालगिरह पर हमने जो गाना बनाया है, वो 'साबरमती के संत' से प्रेरित है, ये गाना 1954 में आई सत्येन बोस की फिल्म 'जागृति' का है, जिसे 1956 में फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है. इस गाने को आशा भोसले ने गाया है. आप यहां सुन सकते हैं ओरिजिनल गाना.
आपस में बैर बांट जिए हम तिहत्तर साल
साबरमती के संत तेरा कर दिया ये हाल
रघुपति राघव राजाराम...
धरती पर लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
हुई खाक ये आजादी जो हम सबने लुटाई
हर दर्द समझने की तपस्या तुम्हें भाई
मजहब लड़ें आपस में यही अपनी कमाई
मतभेद की आंधी ने बुझाई तेरी मशाल
साबरमती के संत तेरा कर दिया ये हाल
ठप्पा बनाके नोट पर तुमको किया निहाल
किताबों में भी ना मिलती है अब तो तेरी मिसाल
ना जात मिटी ना खिली शिक्षा की वो कली
जिस दिन तेरी चिता जली धुंधला गया जलाल
बनके खड़ा है भ्रष्टाचार विष भरा तमाल
साबरमती के संत तेरा कर दिया ये हाल
बेरोजगारी के बिगुल से नौजवान डरे
मजदूर और किसान भूख के तले मरे
बलिदान तेरा भूलकर हमने ये क्या किया
कल की पीढ़ियों पर भार इसका लाद ही दिया
तुझको भुला के हमने किया ना कोई सवाल
साबरमती के संत तेरा कर दिया ये हाल
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