2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट (2008 Ahemdabad Serial Blast) केस में अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है और 11 अन्य को आजीवन कारावास की सजा हुई है. 2008 में अहमदाबाद का मणिनगर करीब 21 सीरियल ब्लास्ट के धमाकों से हिल गया था, जिसमें 56 लोगों की मौत हुई थी और 250 के करीब लोग घायल हुए थे. कोर्ट ने दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने आठ फरवरी को मामले में 49 लोगों को दोषी ठहराया था. उन्हें भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध करने का दोषी पाया गया था.
बता दें कि ब्लास्ट केस में 78 लोग आरोपी बनाए गए थे, 13 साल तक चली सुनवाई के दौरान एक हजार से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए. 28 लोगों को सबूत के आभाव में बरी कर दिया गया था. दोषियों को आईपीसी की धारा 302 और UAPA के तहत दोषी करार दिया गया है.
13 साल पहले 70 मिनट में हुए थे 21 धमाके
13 साल पहले 26 जुलाई को 2008 को 70 मिनट के अंदर 20 जगहों पर एक के बाद एक 21 ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 56 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 250 लोग घायल हुए थे. इंडियन मुजाहिदीन (IM) और सिमी (SIMI) ने विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए इसे गुजरात दंगों का जवाब बताया था. आतंकियों ने साइकिल पर टिफिन बम प्लांट किए थे. भीड़ वाली जगहों पर धमाकों से पहले न्यूज एजेंसियों को मेल किया था आतंकियों ने मेल में लिखा था, 'जो चाहो कर लो. रोक सकते हो तो रोक लो.' इस मामले में सालों से केस चल रहा था और अब इस केस में दोषियों को सजा मिली है.
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