निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है. बता दें कि निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों की फांसी आज एक फरवरी को होनी थी. लेकिन कानूनी दांव-पेंच की वजह से दोषियों के वकील फांसी टलवाने में कामयाब रहे.
दोषी मुकेश और विनय को छोड़कर बाकी दोनों दोषियों के पास दया याचिका का विकल्प खुला है. दोषी मुकेश और विनय के सभी विकल्प हो चुके हैं खत्म, अब फांसी पर लटकना तय है.
निर्भया के दोषियों को पहले 22 जनवरी को फांसी देना तय हुआ था, लेकिन एक दोषी मुकेश की दया याचिका के चलते इसे रद्द करना पड़ा. इसके बाद 1 फरवरी 2019 का डेथ वारंट जारी हुआ. लेकिन ये डेथ वारंट भी दोषियों को फांसी के फंदे तक नहीं पहुंचा पाया.
16 दिसंबर, 2012 को हुई थी वारदात
16 दिसंबर, 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 6 आरोपियों ने 23 वर्षीय महिला के साथ चलती बस में मिलकर दुष्कर्म किया था और उसकी बुरी तरह पिटाई की थी. बाद में छात्रा की मौत हो गई थी. सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों में से एक नाबालिग था, इसलिए उसे किशोर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया. वहीं एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.
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