2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर फैसला 21 दिसंबर को सुनाया जाएगा. ये मामला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके की सांसद कनिमोझी आरोपी हैं. दोनों अभी जमानत पर हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में पूर्व टेलीकॉम मंत्री पर मनमाने तरीके से स्पेक्ट्रम आवंटन का आरोप है जिसकी वजह से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक स्वान टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बदले डीबी समूह ने कलाइगनर टीवी को 22 करोड़ रुपये रिश्वत दी. कनिमोझी कलाइगनर टीवी की डायरेक्टर भी थीं.
एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने राजा, कनिमोझी, डीएमके सुप्रीमो एम.करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग के एक अलग मामला दर्ज किया था जिसमें 200 करोड़ लेन-देन का आरोप है.
इसके अलावा एस्सार और लूप भी टूजी मामले में आरोपी हैं. सभी पर फैसला 21 दिसंबर को फैसला को आएगी.
सीबीआई का कहना है कि एस्सार समूह के प्रमोटर्स स्पेक्ट्रम के असली निवेशक हैं और इसका फायदा उन्हें मिला था. जबकि लाइसेंस लूप टेलीकॉम को जारी किए गए. एस्सार और लूप के प्रमोटर्स पर स्पेक्ट्रम लाइसेंस हासिल करने के लिए सरकार से धोखाधड़ी करने का आरोप है. इन सभी आरोपियों ने इससे इनकार किया है.
- इनपुट IANS से
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