राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के बावजूद उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 300 किसानों पर अपने खेतों में पराली जलाने को लेकर मामला दर्ज किया गया है. रेवेन्यू अधिकारियों की ओर से बिलसंडा, नरिया, अमरिया, पूरनपुर, सेरामऊ, माधोटांडा, जहानाबाद, बिलासपुर और गजरौला गांवों के किसानों पर केस दर्ज किया गया है.
इसके बाद खबर आई है कि जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वे पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.
फसल के दाम दिए नहीं और केस भी दर्ज किया: किसान
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शिकायत की है कि सरकार ने उनको पहले की कई फसलों के दाम नहीं दिए हैं. कम कीमतों की वजह से किसानों को पहले से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय किसान चरणजीत सिंह ने कहा, ‘‘किसान पहले से ही गन्ने का बकाया भुगतान नहीं होने, धान की कम कीमत और उर्वरक की कमी के कारण परेशान हैं और अब उन्हें पराली जलाने के नाम पर केस दर्ज कर के परेशान किया जा रहा है.’’
“हम एनजीटी के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और जिला प्रशासन जिले में पराली जलाने की इजाजत नहीं देगा. हमने सभी रेवेन्यू अधिकारियों को जिले में पराली जलाने के मामलों की रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है.”रीतू पुनिया (सिटी मजिस्ट्रेट )
प्रदूषण के कारण दिल्ली में इमरजेंसी घोषित
दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का ये स्तर है कि हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. साथ ही दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को 5 नवंबर तक के लिए बंद करने का ऐलान भी किया है. पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है साथ ही कंस्ट्रक्शन पर 5 नवंबर तक रोक लगा दी है. इसे लेकर EPCA ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिवों को लेटर भी लिखे हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 1 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी इंडेक्स 582 था.
बता दें, 0 से 50 के बीच के AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.
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