36 मंत्रियों के जम्मू-कश्मीर दौरे को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार की दुनिया को गुमराह करने की तीसरी कोशिश करार दिया है. गुलाम नबी ने कहा, 'ये केंद्र सरकार की तरफ से देश और दुनिया को गुमराह करने की तीसरी कोशिश है."
कांग्रेस नेता ने कहा, "केंद्र सरकार ने इससे पहले भी सरकार ने कुछ चुने हुए लोगों को देश और विदेश से कश्मीर भेजा, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला, इससे जम्मू-कश्मीर की जनता में नाराजगी और बढ़ गई."
गुलाम नबी ने आरोप लगाते हुए कहा, ये प्रतिनिधिमंडल कुछ चुने हुए लोगों से ही मिलते हैं, जो राजनीतिक नेता हैं उनको तो बंद रखा गया है, सिविल सोसाइटी के लोगों से, व्यापारियों से और बेरोजगारों से इन्हें मिलने नहीं दिया जाता.
दरअसल, आर्टिकल 370 हटाए जाने और जम्मू कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेशों के विभाजन के बाद मोदी सरकार के 36 केंद्रीय मंत्री 18 जनवरी से जम्मू कश्मीर का दौरे पर हैं. इन केंद्रीय मंत्रियों में कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री दोनों शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री जम्मू कश्मीर का दौरा करने के दौरान जम्मू कश्मीर के लोगों से बातचीत करेंगे और वहां के वर्तमान हालातों का जायजा लेंगे.
केंद्रीय मंत्री शनिवार से 24 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर का दौरा कर लोगों को सरकार की नीतियों, खासतौर पर अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद पिछले पांच महीनों में अपनाई गईं नीतियों के बारे में बताएंगे. 36 केंद्रीय मंत्रियों के लिए कुल 59 दौरों की प्लानिंग की गई है और ये एक हफ्ते के अंदर होना है. 59 दौरों में से 51 दौरे जम्मू में प्लान किए गए हैं जबकि कश्मीर के लिए सिर्फ 8 दौरे प्लान किए गए हैं.
बता दें, इससे पहले यूरोपीय संघ (EU) के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी श्रीनगर पहुंचा था. इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 27 सांसद शामिल थे, जिनमें से 22 राइट विंग या अल्ट्रा-राइट-विंग पार्टियों से थे.
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