बेरोजगारी लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है, क्योंकि वो सुरक्षा से कहीं ज्यादा आर्थिक मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. चौथे चरण से पहले सीवोटर-आईएएनएस ट्रैकर में ये खुलासा हुआ है. 26 अप्रैल को किए गए एक सर्वे में 28.42% जवाब देने वालों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ी चिंता बताया है. 11,672 लोगों में से 57.04 फीसदी लोगों ने कहा कि आर्थिक मुद्दे देश की अहम समस्याओं में से एक हैं और 11.74 फीसदी ने सुरक्षा को मुख्य चिंता बताया.
वोटिंग शुरू होने से पहले ही बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा
वोटिंग प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. लेकिन मार्च के बीच में, सुरक्षा से जुड़ी चिंताए आर्थिक समस्याओं के साथ लगभग बराबर पाई गईं. मार्च के पहले हफ्ते में पोल ट्रैकर ने दर्शाया था कि मतदाताओं के लिए आतंकवादी हमले बोरोजगारी से बड़ा मुद्दा हैं. मार्च में 26.12 फीसदी जवाब देने वालों ने आतंकवादी हमलों को मुख्य चिंता बताया था जबकि 21.74 फीसदी ने बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बताया था.
बेरोजगारी जैसे चुनौतीपूर्ण मुद्दे के सामने सुरक्षा के बारे में चिंता धीरे-धीरे कम हो गई है. 27 अप्रैल को आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों के बीच 45.3 पर्सेंटेज प्वाइंट का अंतर पाया गया, जिसमें आर्थिक मुद्दे के पक्ष में भारी झुकाव रहा.
राज्यों की बात करें तो, पंजाब के वोटर रोजगार को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं. पंजाब के 49.21 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि बेरोजगारी उनके लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. जिन राज्यों में बेरोजगारी का मुद्दा सबसे बड़ा चिंता का विषय रहा, उनमें जम्मू एवं कश्मीर (698 में से 44.63 फीसदी), उत्तराखंड (562 में से 43.10 फीसदी), झारखंड (403 में से 39.72 फीसदी), दिल्ली (316 में से 37.11 फीसदी) और मध्य प्रदेश (413 में से 33.95 फीसदी) शामिल हैं.
(इनपुट: IANS)
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