उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 5 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में 18 प्रस्तावों पर मुहर लगी. जिसमें श्रीराम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि दिए जाने का प्रस्ताव भी शामिल था. सरकार ने वक्फ बोर्ड को अयोध्या में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर भूमि आवंटित किया. जो ग्राम धन्नीपुर तहसील सोहावल में थाना रौनाही से लगभग 200 मीटर पीछे है.
बता दें राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के जमीन लिए केंद्र सरकार को तीन स्थानों का विकल्प दिया था. जिसके बाद से कैबिनेट ने ये निर्णय लिया है.
राम जन्मभूमि का मुख्यालय दिल्ली में
गृह मंत्रालय ने 5 फरवरी को कहा कि उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नव गठित ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का कार्यालय दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा.
जारी किए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय- आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक, नई दिल्ली-110048 है.
पीएम मोदी ने संसद में ट्रस्ट का किया ऐलान
5 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट से राम मंदिर ट्रस्ट को मंजूरी मिल गई . इसका ऐलान संसद में पीएम मोदी ने किया. पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ट्रस्ट का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दी जाएगी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘ कोर्ट के फैसले के मुताबिक अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला का अधिकार है. कैबिनेट की बैठक में एक खास फैसला लिया गया. राम जन्मभूमि में मंदिर के निर्माण के लिए योजना तैयार की गई है.
बता दें पीएम के संसद में ट्रस्ट के ऐलान के बात गृहमंत्री ने पीेएम को बधाई देते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.
अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत की आस्था और अटूट श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्रीराम के मंदिर के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के लिए मैं उनका कोटि-कोटि अभिनंदन करता हूं. आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है."
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