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अलीगढ़ मर्डर केस: जांच के लिए SIT गठित, SHO समेत पांच सस्पेंड

पुलिस कर्मियों ने केस दर्ज करने में की थी देरी

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कूड़े के ढेर में एक तीन साल की बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिलने के पांच दिन बाद, एक एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को कथित लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस मामले को लेकर अलीगढ़ समेत पूरे देश में लोगों में गुस्सा है.

अधिकारियों ने बताया कि लड़की के लापता होने के बाद पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर केस दर्ज करने में देरी की. इसके लिए जिम्मेदार सभी पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है. जांच में देरी के कारण ही बच्ची का शव 2 जून को क्षत-विक्षत हालत में मिला.

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पैसों के लेनदेन से जुड़ा है मामला

टप्पल पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बच्ची के लापता होने के एक दिन बाद 31 मई को केस दर्ज किया. इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि मामला पैसों के लेनदेन को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी जाहिद और असलम ने लड़की की हत्या करने की बात कबूल कर ली है. आरोपियों ने बताया कि बच्ची का पिता ने उनके 12,000 रुपये वापस नहीं कर रहा था. इसी वजह से उन्होंने बच्ची की हत्या कर दी.

लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों के निलंबन के बारे में पूछे जाने पर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि यह कार्रवाई गुरुवार को सर्कल ऑफिसर पंकज श्रीवास्तव द्वारा की गई पूछताछ के आधार पर की गई है.

लड़की के पिता ने घटना में शामिल आरोपी के परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर आरोपी के परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह आमरण अनशन करेंगे. हालांकि, एसएसपी ने मृतक बच्ची के पिता से मुलाकात की और उन्हें उपवास पर ना बैठने के लिए मनाया.

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आरोपियों पर NSA के तहत होगी कार्रवाई

एसएसपी ने कहा कि उन्होंने मृतक बच्ची के पिता को आश्वासन दिया है कि मामले में न्याय होगा और आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में पेश किया जाएगा. कुलहरि ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है और जांच को आगे बढ़ाने के लिए एक महिला निरीक्षक को नियुक्त किया गया है. नाबालिग की निर्मम हत्या को लेकर देशभर में आक्रोश है.

राहुल गांधी ने घटना पर जताया दुख

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि कोई भी इंसान किसी बच्चे के साथ इतनी क्रूरता से कैसे पेश आ सकता है.

“यूपी के अलीगढ़ में एक छोटी बच्ची की क्रूरता पूर्ण हत्या ने मुझे झकझोर कर रख दिया है. कोई भी इंसान किसी बच्चे के साथ इतनी बर्बरता से कैसे पेश आ सकता है. इस भयानक अपराध को अंजाम देने वालों को सजा जरूर मिलनी चाहिए. यूपी पुलिस को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहिए.
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस अमानवीय कृत्य की निंदा की है. उन्होंने कहा-

अलीगढ़ में नृशंस हत्या अमानवीय अपराध है, एक मासूम बच्ची के साथ अमानवीय अपराध. मैं उसके माता-पिता के दर्द को महसूस नहीं कर सकती.

बता दें, तीन साल की बच्ची बीते 30 मई को अलीगढ़ के टप्पल से लापता हो गई थी. उसका शव 2 जून को उसके घर के पास कचरे के ढेर में मिला था.

पुलिस के मुताबिक, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के कोई संकेत नहीं मिले हैं. रिपोर्ट में गला घोंटने के कारण मौत की पुष्टि की गई है,"

अलीगढ़ जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर टप्पल में जारी तनाव को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से एहतियात के तौर पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

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