सशस्त्र बलों के पांच पूर्व प्रमुखों और दिग्गजों, नौकरशाहों और प्रमुख नागरिकों सहित सौ से ज्यादा अन्य लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovid) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है.
ये पत्र उत्तराखंड के हरिद्वार और दिल्ली में हुई धर्म संसद को लेकर लिखा गया है जहां भारतीय मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया गया. इसी पत्र में ईसाई, दलित और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का भी उल्लेख है.
पत्र में लिखा गया, "हम 17-19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित हिंदू साधुओं और अन्य नेताओं के धर्म संसद नामक 3 दिवसीय धार्मिक सम्मेलन के दौरान दिए गए भाषणों की सामग्री से गंभीर रूप से परेशान हैं. जहां हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए बार-बार आह्वान किया गया था और अगर जरूरत पड़ी तो हिंदू धर्म की रक्षा के नाम पर हथियार उठाना और भारत के मुसलमानों की हत्या करने का जिक्र भी किया गया था."
पत्र में आगे सरकार, संसद और सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया गया कि, "हमारे देश की अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए. संविधान सभी धर्मों को अपनाने की स्वतंत्रता देता है. हम धर्म के नाम पर इस तरह के ध्रुवीकरण की कड़ी निंदा करते हैं. हम आपसे, श्रीमान राष्ट्रपति और श्रीमान प्रधानमंत्री से इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हैं और आपसे आग्रह करते हैं कि आप बिना किसी अनिश्चितता के हिंसा के लिए इस तरह की उत्तेजना की निंदा करें."
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने भी मुख्य न्यायाधीश को धर्म संसद में हुई हेट स्पीच को लेकर स्वत: संज्ञान लेने के लिए कहा था.
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