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UP-MP और बिहार में मजदूरों पर कहर, सड़क हादसे में 16 की मौत

6 मजदूरों को रोडवेज बस ने कुचल दिया और मजदूरों की मौत हो गई.

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भारत
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देश में कोरोना की वजह से चल रहे लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर मजदूरों पर असर पड़ा है. एक बार फिर पैदल अपने घर जा रहे कुछ मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी है. बुधवार की रात मुजफ्फरनगर में पैदल ही अपने घरों को जा रहे 6 मजदूरों को रोडवेज बस ने कुचल दिया और मजदूरों की मौत हो गई.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है. उन्होंने शोक परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने मृतकों के परिवारवालों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रूपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है.

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ये मजदूर पंजाब से बिहार के गोपालगंज अपने घर जा रहे थे, कोई साधन नहीं मिला तो ये पैदल ही चल दिए, लेकिन वो घर नहीं पहुंच पाए और रास्ते में ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे मे 3 मजदूरों के घायल होने की भी खबर है.

 6 मजदूरों को रोडवेज बस ने कुचल दिया और मजदूरों की मौत हो गई.

मजदूरों पर आफत हर जगह आई है, मध्यप्रदेश के गुना में भी करीब 8 मजदूरों की मौत हो गई है. ये मजदूर महाराष्ट्र से यूपी जा रहे थे. जिस ट्रक सें सवार होकर ये लोग जाा रहे थे वो ट्रक एक बस से टकरा गई. जिसमें 8 मजदूरों की मौत हुई और करीब 50 घायल हो गए.

बिहार के समस्तीपुर में भी मजदूर हादसे का शिकार हुए हैं. यहां बस और ट्रक की टक्कर में 2 मजदूरों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए.

इससे पहले बुधवार को भी कानपुर में एक तेज रफ्तार मिनी ट्रक सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा गया. इस हादसे में मिनी ट्रक में सवार एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई. मिनी ट्रक में सवार अन्य 60 प्रवासी मजदूर घायल हो गए. ये लोग गुजरात से अपने घर लौट रहे थे. यह हादसा अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में हुआ. घायलों को कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में 16 मजदूरों की जान चली गई थी. ये सभी मजदूर पटरी के सहारे अपने घर जा रहे थे. इस घटना के बावजूद सरकार और प्रशासन की आंखें शायद नहीं खुली हैं. वहीं, मजदूर अपने घर जाने की चाहत और उम्मीद को छोड़ना नहीं चाहते.

ये भी पढ़ें : एक मजदूर की जुबानी, मजबूरी की पूरी कहानी

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