देश के 6 हजार से ज्यादा गैरसरकारी संगठनों (NGO) का लाइसेंस खतरे में पड़ गया है. इन संगठनों ने विदेश से मिलने वाले चंदे की जानकारी सरकार को नहीं दी है.
विदेशों से मिलने वाली आर्थिक मदद से इन NGO को चलाया जाता है ऐसे में गृह मंत्रालय ने इनसे खर्चे का ब्योरा देने के लिए नोटिस भेजा था, इसके बावजूद कोई सूचना नहीं दी गई. अब मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मंत्रालय के नोटिस में इन NGO से पिछले पांच साल के आय व्यय का ब्योरा नहीं देने के बारे में पूछा गया है और कहा गया है कि क्यों न इनके लाइसेंस रद्द कर दिये जायें.
23 जुलाई तक मांगा जवाब
मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले 8 जुलाई को 6 हजार नोटिस जारी कर 23 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया है. इस साल मई में मंत्रालय ने 18,523 NGO को नोटिस जारी कर 14 जून तक देश और विदेश से मिल रही मदद और उनके खर्चे का ब्योरा देने को कहा गया था. तय समय सीमा में जवाब नहीं दे पाने वाले NGO का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
इस बीच मंत्रालय ने 30 जून को देश भर में रजिस्टर्ड उन 3,768 NGO को मिल रही विदेशी सहायता को एक ही बैंक खाते में जमा कराने और इसका ब्योरा सरकार को मुहैया कराने का निर्देश दिया था.
मंत्रालय के जारी निर्देश में कहा गया है कि नियम के मुताबिक विदेशी सहायता हासिल कर रहे NGO को विदेशी सहायता नियमन कानून (FERA) के तहत रजिस्टर कराना, एक ही बैंक खाते में विदेशी सहायता प्राप्त करना और इस खाते को प्रमाणित कराना जरूरी होता है.
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