आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता आगे भी बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर दिए गए अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में पहले भी आधार की अनिवार्यता को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि ये संवैधानिक तौर पर वैध नहीं है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था.
जस्टिस चंद्रचूड़ का मत अलग
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को रिव्यू करने के लिए कई याचिकाएं दायर की गईं थीं. जिन्हें अब सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने खारिज किया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की, जिनमें से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर आपत्ति जताई, जबकि बाकी चार जजों ने फैसला आधार के पक्ष में रखा और 4:1 के बहुमत से रिव्यू पिटीशंस को खारिज कर दिया गया.
जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा बेंच में जस्टिस एएम खानविलकर, अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर और बीआर गवई शामिल थे. इन चारों जजों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का रिव्यू नहीं होना चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर 26 नवंबर 2018 को अपना फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने तब आधार की कानूनी वैधता को बरकार रखा था, लेकिन आधार एक्ट के कई प्रावधानों में बदलाव करने की बात कही गई. कोर्ट ने बैंक अकाउंट, मोबाइल से आधार लिंक करने को जरूरी नहीं बताया था.
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