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आधार लिंक पर SC ने मोबाइल कंपनियों, बैंकों से कहा- पैनिक न फैलाएं

बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2017

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इन दिनों बैंक अकाउंट और मोबाइल को आधार नंबर से जोड़ने के लिए लोगों के पास लगातार मैसेज आ रहे हैं. इन सभी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक और टेलीकॉम कंपनियां इस मामले में पैनिक न फैलाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि बैंक और टेलीकॉम कंपनियों को अपने ग्राहकों को भेजे जा रहे संदेशों में अंतिम तिथि की जानकारी देनी होगी. कोर्ट ने कहा कि यह बताना होगा कि बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2017 है, जबकि मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि 6 फरवरी, 2018 है.

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सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने, बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है.

कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि आधार से संबंधित सारे मामलों पर संविधान पीठ नवंबर के अंतिम सप्ताह में सुनवाई शुरू करेगी.

लिंक करने की अंतिम तिथि की जानकारी दें

जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि बैंक और टेलीकॉम कंपनियों को अपने ग्राहकों को भेजे जा रहे संदेशों में बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख के बारे में जानकारी देनी चाहिए.

एक याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील श्याम दीवान ने केंद्र के हालिया हलफनामे का जिक्र किया. इसमें कहा गया है कि आधार को जोड़ने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2018 की जा सकती है. इस पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मुद्दे को उस पीठ के सामने उठा सकते हैं, जो आधार से संबंधित सारे मामलों पर नवंबर के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगी.

नवंबर के अंतिम हफ्ते में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन सारे तर्को पर विचार की जरूरत है. मामला नवंबर के अंतिम हफ्ते में सुनवाई के लिये आ रहा है. बैंक खातों को आधार से जोड़ने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है.

बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 30 अक्टूबर को कहा था कि संविधान पीठ गठित की जाएगी, जो नवंबर के अंत में आधार से संबंधित सारे मामलों की सुनवाई करेगी.

राइट टू प्राइवेसी बनाम आधार का फैसला

अगस्त में नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने अपनी व्यवस्था में कहा था कि राइट टू प्राइवेसी संविधान के तहत मौलिक अधिकार है. आधार की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं में दावा किया गया था कि इससे उनके निजता के अधिकार का हनन होता है.

इस बीच, केंद्र ने 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट से कहा था आधार को जोड़ने की अनिवार्य की अवधि 31 मार्च, 2018 तक बढ़ा दी गई है.

(इनपुट PTI से)

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