मोहल्ला क्लिनिक की फाइल अप्रूवल को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी (उपराज्यपाल) हाउस के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन सकती है. इससे आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने की फाइल मई में एलजी को भेजी गई थी जिसे रोक कर रखा गया है. जबकि एलजी हाउस की ओर से दावा किया गया है कि उसके पास मुहल्ला क्लीनिक के बारे में कोई प्रस्ताव या फाइल लंबित नहीं है.
दिल्ली के एलजी अनिल बैजल के कार्यालय में बुधवार को नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब आप के 45 विधायकों ने मुहल्ला क्लीनिक फाइल को मंजूरी दिए जाने की मांग करते हुए वहां देर शाम तक डेरा डाले रखा. एलजी ने इसे एक संवैधानिक पदाधिकारी के कार्यालय का घेराव करार दिया.
40 विधायकों के साथ पहुंचे सौरभ भारद्वाज
एलजी हाउस ने एक बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज और चार अन्य विधायकों को मिलने के लिए समय दिया गया था. व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद एलजी विधायकों से मिलने को सहमत हो गए. लेकिन भारद्वाज के नेतृत्व में करीब 45 विधायक राज निवास आ गए और बैजल से मिलने की मांग करने लगे.
सरकार का कहना है कि मोहल्ला क्लिनिक को लेकर झूठी शिकायतें की गईं और विपक्ष के कुछ नेताओं की ओर से सौंपी गई शिकायत के आधार पर विजिलेंस डिपार्टमेंट ने ऑब्जेक्शन लगाए. इन शिकायतों में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके आधार पर मोहल्ला क्लिनिक के प्रॉजेक्ट को रोका जा सकता हो.
सरकार का कहना है कि मोहल्ला क्लिनिक के प्रॉजेक्ट को देश-विदेश में सराहा गया है लेकिन इसके बाद भी इस प्रॉजेक्ट की राह में रोड़े अटकाए जा रहे हैं
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