सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद कानून व्यवस्था पर बात करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने दिल्ली सरकार के कई मंत्री और आप विधायक देर रात उनके आवास पर पहुंचे. आप नेता आवास के बाहर इंतजार करते रहे, लेकिन उपराज्यपाल उनसे नहीं मिले. फिर वे आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए. करीब तीन घंटे बाद एलजी के प्रतिनिधि के तौर पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर वहां पहुंचे और हिंसा प्रभावित इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन दिया. इसके बाद आप नेताओं के धरना खत्म किया और वहां से लौटे.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए सोमवार देर रात दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय, इमरान हुसैन और आम आदमी पार्टी के अन्य विधायक उपराज्यपाल से मिलने के लिए उनके आवास के बाहर इकठ्ठा हुए. वे दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बात करने वहां पहुंचे थे. बाद में दिलीप पांडे, संजीव झा, अखिलेश पति त्रिपाठी, अमानतुल्लाह खान समेत कई आप विधायक भी उपराज्यपाल के आवास के बाहर इकठ्ठा हो गए.
गोपाल राय ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र बाबरपुर में हालात तनावपूर्व हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में पुलिस बल तैनात नहीं है. राय ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करके कहा, ‘‘मैं बिगड़ती कानून-व्यवस्था के हालात पर चर्चा के लिए उपराज्यपाल के आवास के बाहर पहुंचा हूं. हिंसा में शामिल लोग गोलीबारी कर रहे हैं.’’
काफी लंबे इंतजार के बाद भी उपराज्यपाल आप नेताओं से नहीं मिले. इससे नाराज आप के तमाम विधायक राजनिवास के सामने ही धरने पर बैठ गए.
स्पेशल पुलिस कमिश्नर के आश्वासन के बाद लौटे AAP नेता
देर रात उपराज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त, राजेश खुराना उपराजयपाल के आवास के बाहर पहुंचे, जहां AAP नेता उनसे मिलने का इंतजार कर रहे थे. राजेश खुराना ने उनसे बात करके जनता को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया. दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा, "पुलिस ने हमें आश्वासन दिया है कि सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात किए जाएंगे. हम अब यहां से वापस जा रहे हैं."
हिंसा में कॉन्स्टेबल समेत 4 की मौत
बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन जारी हैं. सोमवार को समर्थकों और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच जमकर हिंसा हुई. इस हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत कुल चार लोगों की मौत हो गई. वहीं कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हुए. जिसके बाद कई इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)