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प्यारे रिश्तेदारों, हां मैं ‘बुरी लड़की’ हूं और मुझे इस पर गर्व है

क्विंट की रीडर नौरीन बता रही हैं क्यों हैं वो ‘बुरी लड़की’

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मेरे प्यारे रिश्तेदारों,

हां..मैं परिवार के हर समारोह में शामिल नहीं होती हूं. हां! मैं 'बुरी लड़की' हूं और मुझे इसे लेकर गर्व है. कुछ दिन पहले, एक रिश्तेदार ने मेरे पापा को बताया, "आपकी लड़की तो कहीं आती-जाती नहीं आपने उसे वीआईपी बना दिया है."

मेरे पापा ये सुनकर खूब हंसे और माना कि मैं वीआईपी हूं!

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ये मेरी जिंदगी और मेरी पसंद की बात है कि मैं किस इवेंट में जाना चाहती हूं किससे मिलना पसंद करती हूं. लेकिन अगर मेरा बड़ा परिवार ये चाहे कि मैं उनकी हर इवेंट में शामिल हो जाऊं तो ये मुझसे नहीं होने वाला.

क्योंकि ये जितने भी खानदानी जश्न होते हैं ना उनमें सिर्फ यही सुनने को मिलता है- कितनी बड़ी हो गई हो तुम तो और आगे क्या करने का इरादा है? कितना बोरिंग होता है हमेशा ये सब सुनना. मुझे ये भी पता है कि मुझे ‘बुरी लड़की’ का तमगा दे दिया जाएगा पर मैं किसी की वजह से अपना व्यवहार नहीं बदल सकती. पहले मेरे लिए करियर है और उसके बाद प्यार करने वाला परिवार भी. मेरे पास सबकुछ है और मैं अपनी इस लाइफ से खुश हूं.

तो मेरे प्यारे रिश्तेदारों. बनने दो मुझे तुम्हारी नजरों में बुरी लड़की. मैं बस इतना कर सकती हूं कि आपलोगों को इस तरीके से नजरअंदाज किए जाने पर हंस लूं!

आपकी

नौरीन शफीक

(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)

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