बोल: प्रबुद्ध जैन
कैमरा: अतहर राथर
एडिटिंग: आशीष मेक्यून
नारी
बहुत हुए हम ‘संस्कारी’.
अब चुप्पी तोड़ो और दुनिया को बताओ. वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर.
ठंडे कॉन्फ्रेन्स रूम में
गरम होते डिस्कशन के बीच
तुम जब भी कहना चाहती हो
वो जरूरी बात जो किसी ने नहीं कही
तुम्हें सामना करना पड़ता है अजीब निगाहों का
जैसे....
जैसे वो तुमसे कहना चाहते हों
तुम...
तुम क्या कह पाओगी?, क्या जोड़ पाओगी?
कि तुम्हें तो मीटिंग में बुलाया जाता है
ताकि हम सबका दिल लगा रहे.
बस बहुत हुआ
तुम अपने चेहरे से कहीं ज्यादा हो
फिर सुनो, चेहरे से कहीं ज्यादा
तुम ज्यादा समझदार हो
पते की बात कहती हो
ये अजीब निगाहें उन पर पड़ेंगी भारी
खुश रहो, Chill करो
अब Laugh नारी
मेट्रिमॉनियल साइट पर
जिसने किया पसंद
उसने भी पूछे वही सवाल
कुकिंग कर लेती हो?
एक्चुअल हाइट कितनी है?
वेट तो कम करोगी न?
शादी के बाद वी विल शिफ्ट टू मुंबई
दिल्ली वाली जॉब छोड़ दोगी न?
पता है, अब तुम अच्छे से
पहचानती हो इन सवालों को
तुम्हें नहीं बनना वो
जो है खोखला संस्कारी
खुश रहो, Chill करो
अब Laugh नारी
क्या कहा, हज्बैंड के लिए चाय बनानी है
लेकिन, तुम तो ऑफिस से उसके बाद लौटी हो
ओह, उसे सिर्फ तुम्हारे हाथ की चाय पसंद है!!
न...न...इस गलतफहमी सॉरी खुशफहमी में मत रहना
तुम्हारे दफ्तर में भी था उतना ही काम
तुम भी उतनी ही थकी हो, यू आर टायर्ड नो?
हर काम के लिए हर दिन तुम्हारी ही क्यों बारी?
खुश रहो, Chill करो
अब Laugh नारी
सुनो, कॉलेज से सीधे घर आना
अरे, घर से ऐसे कौन निकलता है
दुपट्टा तो डाल लिया होता
क्या जोर-जोर से हंस रही हो
लड़कियों की तरह मुस्कुराना नहीं आता
भाई को पानी कौन देगा, वो कब से मांग रहा है
ये ताने, ये उलाहने, तुम्हें और नहीं डरा पाएंगे
तुम्हारी हस्ती और तुम्हारी मस्ती
सब पर तुम्हारा ही हक है
तुम कोई पुतली नहीं कि
डोरियों के इशारे पर नाचना हो तुम्हें
बहुत बना लीं, रो-रोकर अंखियां खारी
खुश रहो, Chill करो
अब Laugh नारी
तुम्हें नहीं निकालनी आती सीधी मांग
तुमसे तीन तार की चाशनी नहीं बनती
तुम्हें नहीं पता, कैसे छूटता है
लाड़ले की टीशर्ट से हल्दी का रंग
तुमसे लंबे बाल नहीं संभाले जाते
तुम्हें कच्चे केले की सब्जी बनानी नहीं आती
लेकिन तुम जानती हो, यूं भी कम नहीं हो तुम
अधूरी नहीं हो तुम, बिल्कुल पूरी हो तुम
दफ्तर का टेंशन हो या बिटिया का होमवर्क
सबका जवाब हो तुम
तो क्या हुआ जो तुम्हें नहीं पहनना आता साड़ी
खुश रहो, Chill करो
अब Laugh नारी
(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)
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