भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया. लेकिन अब अभिजीत बनर्जी ने इस पुरस्कार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर वो भारत में होते तो उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जाता.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे नोबेल विनर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि भारत में अच्छे टैलेंट की कमी है. लेकिन एक तरह का सिस्टम जरूरी है. उन्होंने कहा कि अकेले कोई भी कुछ नहीं कर सकता है. जिसके लिए उन्हें क्रेडिट मिला उसके पीछे कई लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है.
कोलकाता में जन्मे अभिजीत बनर्जी दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) से पासआउट हैं. बनर्जी ने साल 1983 में जेएनयू से एमए की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह विदेश चले गए. साल 1988 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया. बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स पढ़ाते हैं.
गरीबी खत्म करने की दिशा में किया काम
अभिजीत बनर्जी ने वैश्विक गरीबी खत्म करने की दिशा में भी काफी काम किया है. उन्होंने ऐसी आर्थिक नीतियों पर रिसर्च की, जो वैश्विक गरीबी को कम करने में मददगार साबित हुईं. साल 2003 में उन्होंने एस्तेय डिफ्लो और सेंडहिल मुलैंटन के साथ मिलकर अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (JPAL) की नींव रखी. साल 2009 में JPAL को डेवलेपमेंट को-ऑपरेशन कैटेगरी में बीबीवीए फाउंडेशन का फ्रंटियर नॉलेज अवॉर्ड मिला.
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