ABP न्यूज से दो बड़े चेहरों की विदाई को लेकर मीडिया और राजनीति जगत में तमाम चर्चाएं हो रही हैं. जिस तरह मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर और प्राइम टाइम एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने संस्थान से इस्तीफा दिया, उसे लेकर कहा जा रहा है कि ABP न्यूज पर 'सरकार की ओर से दवाब' बनाया गया था.
इन दो बड़े चेहरों के अलावा एंकर अभिसार शर्मा को भी चैनल ने छुट्टी पर भेज दिया है. ये पूरा मामला निर्मला सीतारमण और राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ जैसे केंद्रीय मंत्रियों के ABP न्यूज के खिलाफ ट्वीट करने के बाद हुआ है. इन मंत्रियों ने #UnfortunateJournalism हैशटैग के साथ सरकार के खिलाफ ABP न्यूज पर दिखाई गई खबरों की आलोचना की थी.
ABP न्यूज से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र ने द क्विंट को बताया, ‘पत्रकारों को केवल अपना काम करने के लिए दंडित किया जा रहा है. ABP न्यूज में ये पत्रकारिता के लिए काला दिन है.’
ABP से जुड़े सूत्र से जब पूछा गया कि किस तरह से चैनल पर दवाब बनाया जा रहा था, तो उन्होंने बताया, 'स्पॉन्सर कम हो रहे थे. केवल सरकारी विज्ञापन ही नहीं, बल्कि प्राइवेट कंपनियों ने भी ABP पर विज्ञापन देना बंद कर दिया था.'
संसद में गूंजा ABP न्यूज विवाद का मुद्दा
गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में ABP न्यूज का मुद्दा उठाया.
जो पत्रकार स्वतंत्र रूप से अपनी राय रखते हैं, उन पर अगर दबाव डाला जाएगा, तो वह अपनी नौकरियां खो देंगे. पत्रकार को स्वतंत्र रखना चाहिए, क्योंकि अगर वह स्वतंत्र राय नहीं रखेंगे, तो हालात वैसे होंगे, जैसे एक बड़े मीडिया ग्रुप में आज हुए. किसी ने कोई स्टोरी की, जो किसी को पसंद नहीं आई, अगले दिन उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी.डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा में टीएमसी सांसद
कांग्रेस ने लोकसभा में उठाया मुद्दा, राज्यवर्द्धन ने दिया जवाब
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शुक्रवार को लोकसभा के अंदर ABP न्यूज मुद्दे को उठाया. खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार मीडिया की आवाज को दबाना चाहती है.
इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्टर राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने खड़गे के जवाब में कहा कि चैनल पर दिखाई गई स्टोरी (छत्तीसगढ़ के किसानों से संबंधित) झूठी थी. इसके बावजूद सरकार ने चैनल को कोई भी 'कारण बताओ' नोटिस नहीं दिया.
राठौड़ ने कहा कि ये चैनल फ्री डिश के ऊपर चलता है, फ्री डिश के जरिए ही चैनल को सबसे ज्यादा टीआरपी मिलती है और फ्री डिश सरकार के अधीन आती है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को इस मामले में कुछ दखलंदाजी करनी होती, तो वह फ्री डिश के जरिए दखलंदाजी करती, लेकिन चैनल फ्री डिश पर लगातार चल रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मामले से सरकार का कोई भी लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस चैनल की बात की जा रही है, उसकी टीआरपी लगातार गिर रही है और उसे लोग देखना नहीं चाहते हैं.
छत्तीसगढ़ स्टोरी विवाद असल में है क्या?
बीते 20 जून को पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप से सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की.
इस दौरान छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की रहने वाली चंद्रमणि कौशिक नाम की महिला किसान ने भी पीएम मोदी से बातचीत की. महिला किसान ने पीएम मोदी को बताया कि धान की खेती छोड़कर सेब की खेती करने से अब उसकी आमदनी दोगुनी हो गई है.
रिपोर्ट 1ः ABP फैक्ट चेक
इस बातचीत के बाद ABP न्यूज ने महिला किसान चंद्रमणि कौशिक का इंटरव्यू किया. चंद्रमणि ने दावा किया कि मोदी से बातचीत से पहले उसके पास कुछ अधिकारी आए थे, जिन्होंने उसे बातचीत के दौरान आय दोगुनी होने के बारे में कहने के लिए कहा था. ABP न्यूज ने ये खबर अपने प्राइम टाइम शो ‘मास्टरस्ट्रोक’ में दिखाई थी. इस शो को पुण्य प्रसून बाजपेयी होस्ट करते थे.
इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बाजपेयी के शो की क्लिप को ट्वीट भी किया था.
रिपोर्ट 2ः My Nation
ABP न्यूज की ये रिपोर्ट आने के बाद एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल MyNation ने भी एक खबर की. इस खबर में बताया गया कि महिला द्वारा पीएम मोदी के सामने आय दोगुनी होने को लेकर किया गया दावा सही था. रिपोर्ट में कहा गया कि महिला ने धान की खेती में नहीं, बल्कि फ्रूट पल्प के जरिए आय दोगुनी होने की बात कही थी.
ABP न्यूज की रिपोर्ट के काउंटर में की गई MyNation की इस स्टोरी को बीजेपी के कई बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने भी ट्वीट किया. इन मंत्रियों में निर्मला सीतारमण और राज्यवर्द्धन राठौड़ का नाम भी शामिल है. इन दोनों ही मंत्रियों ने ABP न्यूज को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट में #UnfortunateJournalism हैशटैग का इस्तेमाल किया था.
रिपोर्ट 3ः ABP काउंटर रिपोर्ट
रिपोर्ट पर सवाल उठने के बाद ABP एक बार फिर चंद्रमणि कौशिक के गांव पहुंचा. कौशिक ने इस बार फ्रूट पल्प से होने वाले फायदे के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि सरकार की कृषि आत्मा परियोजना से उनकी आय 50-50 रुपये से बढ़कर 700 रुपये हो गई है.
लेकिन जब ABP न्यूज ने उससे बात की, तो उन्होंने बताया कि 700 रुपये आय 12 महिलाओं के समूह की होती है, जिस समूह की वह सदस्य हैं.
ABP न्यूज ने कैलकुलेशन के जरिए अपने दर्शकों को बताया कि 700 रुपये को अगर 12 महिलाओं में बांटा जाएगा, तो एक महिला को करीब 59 रुपये मिलेंगे.
क्या ‘नो सिग्नल’ ने भी दिया था यही सिग्नल?
यही वह समय था जब ABP न्यूज के दर्शकों ने एक विचित्र घटना देखी.
दर्शकों ने शिकायत की कि उनके टीवी सेट में हर रोज रात 9 बजे से 10 बजे तक उस समय सिग्नल चले जाते हैं, जब पुण्य प्रसून बाजपेयी का शो ‘मास्टरस्ट्रोक’ आता है. तमाम दर्शकों ने सोशल मीडिया पर सिग्नल न आने के वीडियो भी शेयर किए. दिलचस्प ये था कि ABP न्यूज में ये गड़बड़ी हर रोज रात 9 से 10 के बीच ही आती थी.
सरकार से सवाल करना मना है?
ऑनलाइन न्यूज पोर्टल द वायर ने एबीपी से जुड़े एक सोर्स के हवाले से लिखा, 'सीनियर न्यूज एंकर अभिसार शर्मा को 15 दिन के लिए ऑफ एयर कर दिया गया है. इसके पीछे वजह ये है कि उन्होंने मैनेजमेंट की ओर से मोदी सरकार पर सवाल न उठाने को लेकर मिले निर्देशों पर सवाल उठाया था.'
पीएम मोदी ने हाल ही में लखनऊ में दिए भाषण में दावा किया था कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है. इसके अगले ही दिन उत्तर प्रदेश में दो क्रूर हत्याएं हुईं, जिन्हें अभिसार शर्मा ने अपने शो में उठाया और पीएम मोदी के दावे पर सवाल खड़ा किया.
इसके बाद ही एबीपी न्यूज नेटवर्क के सीईओ अतिदेब सरकार ने कथित तौर पर शो को ऑफ एयर करने के लिए जोर दिया. लेकिन मैनेजिंग एडिटर खांडेकर ने कथित तौर पर ऐसा करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि बुलेटिन में केवल पांच मिनट बचे हैं. बाद में, एंकर अभिसार को निर्देश दिया गया कि वह फिर से मोदी की आलोचना न करें.
वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, चैनल के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर्स को भी निर्देश दिए गए थे कि अब मोदी सरकार की आलोचना से जुड़ी कोई खबर नहीं होगी.
(ये खबर पहली बार द क्विंट पर पब्लिश हुई थी. यहां उसका हिंदी अनुवाद दिया गया है.)
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