ADVERTISEMENTREMOVE AD

''ABVP अब सुपर अथॉरिटी''- MP की यूनिवर्सिटी में वेबिनार रद्द होने से वक्ता खफा

वेबिनार में वक्ता CSIR के चीफ साइंटिस्ट रहे गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद से क्विंट ने खास बातचीत की

Updated
भारत
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female
''ABVP अब एक सुपर अथॉरिटी बन गई है''
प्रो. अपूर्वानंद, डीयू
''पुलिस वीसी को चिट्ठी लिखकर धमकी दे रही है, ये देश के संविधान को कुचलने जैसी बात है''
गौहर रजा, पूर्व चीफ साइंटिस्ट, CSIR
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में 30 और 31 जुलाई को एक इंटरनेशनल वेबिनार होना था. इस वेबिनार में कुछ ऐसे वक्ताओं को बोलना था जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को 'देशद्रोही' लगते हैं. ABVP ने शिकायत की. पुलिस ने यूनिवर्सिटी को चेतावनी दी. नतीजा ये हुआ कि वेबिनार शुरू होने के महज 2 घंटे पहले यूनिवर्सिटी ने सरेंडर कर दिया. वक्ताओं में DU के प्रोफेसर अपूर्वानंद, CSIR के चीफ साइंटिस्ट रहे गौहर रजा, IIT हैदराबाद के प्रोफेसर हरजिंदर सिंह और अमेरिका की ब्रिजवाटर स्टेट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. असीम हसनैन शामिल थे. क्विंट ने गौहर रजा और अपूर्वानंद से इस पूरे घटनाक्रम पर बात की.

वेबिनार की साझा मेजबानी यूनिवर्सिटी के ऐन्थ्रपॉलजी विभाग के साथ अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी कर रही थी. वेबिनार का विषय 'वैज्ञानिक प्रवृत्ति हासिल करने में सांस्कृतिक और भाषाई बाधाएं' था. ABVP की शिकायत के बाद सागर के एसपी ने वीसी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वेबिनार में वही बोला जाए जिसपर पूर्व सहमति हो, गड़बड़ी हुई तो धारा 505 के तहत कार्रवाई होगी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विभाग को HRD मंत्रालय से पूर्व अनुमति लेने को कहा. वो अनुमति आई नहीं सो वेबिनार तो हुआ लेकिन विभाग ने भाग नहीं लिया.
0

प्रोफेसर अपूर्वानंद ने क्या कहा?

अपूर्वानंद ने क्विंट को बताया कि ABVP के ऐतराज के बावजूद विश्विद्यालय ने अनुमति दी थी. इसलिए आखिरी समय तक यही पता था कि वेबिनार होगा.

"यूनिवर्सिटी पर वेबिनार के दो रोज पहले से दबाव डालना शुरू किया गया. HRD मंत्रालय को खबर करने और वहां से अनुमति लेने की बात कही गई, जो कि बेतुकी है क्योंकि विश्वविद्यालय में जब कोई विभाग कार्यक्रम करता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन से भी स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं होती है. ये विभाग का मामला होता है और विभाग के लोग ही तय करते हैं."
प्रोफेसर अपूर्वानंद
वेबिनार में वक्ता CSIR के चीफ साइंटिस्ट रहे गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद से क्विंट ने खास बातचीत की

डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के वीसी को एसपी की चिट्ठी

(फोटो: क्विंट द्वारा प्राप्त)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अपूर्वानंद ने कहा, "विभाग कोई कार्यक्रम कर सके, इतनी आजादी हर जगह होती है. यही विश्वविद्यालय की जान है और विश्वविद्यालय में ऐसे ही काम होता है. लेकिन पिछले 7 वर्षों में हम लोगों ने देखा है कि ऐसी घटना हर जगह हो रही है. इसका मुख्य कारण है ABVP की तरफ से हर जगह या तो ऐतराज करना, हंगामा करना या फिर हिंसा करना."

पहले वाले तरीके में वो (ABVP) एक आवेदन देते हैं और वो अपने आप में पर्याप्त हो जाता है, क्योंकि विश्वविद्यालय और बाकी लोगों को सिग्नल मिल जाता है. ABVP इस समय के शासक समुदाय का सदस्य है तो फिर उसकी बात को कैसे टाला जा सकता है.
प्रोफेसर अपूर्वानंद

प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि ऐसा DU में भी हो रहा है और इसी वजह से धीरे-धीरे सेमिनार होने ही कम हो गए हैं. उन्होंने कहा, "2016 में रामजस कॉलेज में हमला किया गया था. अब 'वैसे' लोगों को बुलाया ही नहीं जाता. ये पूरे भारत में हो रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अपूर्वानंद कहते हैं कि सागर की घटना में चिंताजनक बात ये है कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन से कह रही है कि वो इंतजाम करे कि वेबिनार में ऐसा कुछ नहीं बोला जाए जिससे गड़बड़ हो.

"ये पहली बार है. ये अभूतपूर्व है और अगर इस तरह की छूट पुलिस को दे दी गई तो इसके क्या नतीजे होंगे, इसका हम अनुमान लगा सकते हैं. दूसरी बात ये है कि धमकी ABVP दे रही है तो इसका मतलब ये है कि कानून व्यवस्था बिगड़ने का कहीं से अंदेशा है तो वो ABVP की तरफ से है. आप ये नहीं कह सकते हैं कि देखिए मेरी भावना भड़क जाएगी तो मैं आप को पीट दूंगा."
प्रोफेसर अपूर्वानंद
ADVERTISEMENTREMOVE AD
वेबिनार में वक्ता CSIR के चीफ साइंटिस्ट रहे गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद से क्विंट ने खास बातचीत की

यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार की विभाग को चिट्ठी

(फोटो: क्विंट द्वारा प्राप्त)

अपूर्वानंद ने कहा कि संस्थाओं ने खुद जिस तरह अपनी गरिमा खत्म कर दी है, उसका एक ताजा उदाहरण सागर की घटना है और ये बहुत ही शर्मनाक है. उन्होंने कहा, "आखिरी मिनट में विश्विद्यालय के मना करने से अंतरराष्ट्रीय जगत में उसकी क्या छवि बनी होगी? अब भारत के विश्वविद्यालय स्वतंत्र अकादमिक कार्य नहीं कर सकते हैं और एक 'सुपर अथॉरिटी' ABVP है, जिसके आदेश का पालन विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस करने लगी है."
ADVERTISEMENTREMOVE AD
पुलिस और यूनिवर्सिटी से वक्ताओं के खिलाफ शिकायत करने वाले ABVP सागर जिला संयोजक श्रीराम रिछारिया से भी क्विंट ने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कुछ संदेहास्पद लोग बोल सकते हैं इसलिए रजिस्ट्रार और एसपी से शिकायत की थी. जब क्विंट ने पूछा कि किस विषय पर वेबिनार था तो श्रीराम सीधा जवाब नहीं दे पाए.

गौहर रजा क्या कहते हैं?

गौहर रजा ने क्विंट से कहा कि अगर आप साइंस और साइंटिफिक टेंपर पर अपने ख्याल का इजहार नहीं कर सकते तो फिर क्या बचा है?

"हमारी संवैधानिक ड्यूटी है कि साइंटिफिक टेंपर को फैलाने की कोशिश करें और उसके ऊपर जब वेबिनार होता है तो ABVP को ये कहा जाता है कि तुम हल्ला करो और जब वो हल्ला करते हैं तो ऊपर से प्रेशर आता है. फिर पुलिस का मामला हो जाता है. क्या हो रहा है देश में कुछ समझ में नहीं आ रहा? ये बिल्कुल हमारे संविधान को जूतों के तले रौंदने वाली बात है कि पुलिस वाइस चांसलर को लेटर लिखने की हिम्मत करती है कि हम तुम्हारे ऊपर 505 लगा देंगे."
गौहर रजा, पूर्व चीफ साइंटिस्ट, CSIR
ADVERTISEMENTREMOVE AD
वेबिनार में वक्ता CSIR के चीफ साइंटिस्ट रहे गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद से क्विंट ने खास बातचीत की

विभाग ने वेबिनार से बाहर हो जाने की सूचना रजिस्ट्रार को दी

(फोटो: क्विंट द्वारा प्राप्त)

क्या यूनिवर्सिटी को स्टैंड लेना चाहिए था?

इस सवाल पर गौहर रजा ने कहा, "यूनिवर्सिटी को दबाव में नहीं आना चाहिए था, लेकिन अकादमिक लोग, यूनिवर्सिटी चलाने वाले लोग, राजनीति नहीं करते हैं. यूनिवर्सिटी ने तो आखिर तक कोशिश की कि वेबिनार हो जाए."

रजा ने कहा- ''दुनिया में हम अपनी क्या छवि बना रहे हैं. ये कोशिश है कि यूनिवर्सिटी की आजादी खत्म कर दो. साइंस पर बात मत करने दो. इसका मुझसे या अपूर्वानंद से लेनादेना नहीं है. कोशिश है कि साइंस के बारे में, देश में अमन-चैन के बारे में कोई बात न कर पाए, कोई उंगली उठाकर ये न कहने पाए कि वो फासीवादी हैं."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×