28 सितंबर को दादरी के बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने गोमांस रखने के शक में अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिन लोगों पर अखलाक की हत्या करने का आरोप लगा था, वे सभी फिलहाल बेल पर जेल से बाहर हैं.
द हिंदू की खबर के मुताबिक हमले में शामिल 15 आरोपियों को NTPC में कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय BJP विधायक तेजपाल नागर ने इनकी नौकरी लगवाई है.
हमले में अखलाक के बेटे दानिश को गंभीर चोटें आई थीं.
नागर का कहना है कि सभी आरोपी बेगुनाह हैं. इसलिए उन सभी को NTPC मैनेजमेंट से कहकर नौकरी पर रखवाया है. NTPC ने खबर पर सहमति जताई है. NTPC के एक प्रवक्ता ने ‘द हिंदू’ से कहा,
हां, हमने बिसाहड़ा के बेरोजगार लड़कों को नौकरी दी है. लेकिन इसका अखलाक की मौत से कोई संबंध नहीं है. NTPC की पॉलिसी है कि उसके प्रोजेक्ट में प्रभावित लोगों को उनके क्वालिफिकेशन के आधार पर नौकरी दी जाती है, इसलिए बिसाहड़ा के कई लोगों को नौकरी दी गई.
बिसाहड़ा के लोगों से तीस साल पहले आसपास के क्षेत्र में NTPC बनाने के लिए जमीन ली गई थी.
उमर अब्दुल्ला ने जताया विरोध
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट के जरिए आरोपियों को नौकरी दिए जाने की घटना पर गुस्सा और दुख जताया.
उन्होंने अखलाक के आरोपियों पर किए गए एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा ‘मैंने कई ट्वीट लिखे और डिलीट कर दिए. कोई शब्द मेरी भावनाओं को बयां नहीं कर पा रहा है. मैं बस इतना जानता हूं कि ये वो भारत नहीं है, जिसे मैं जानता हूं, जिसे मैं प्यार करता हूं’
डायरेक्टर और लेखक राकेश शर्मा ने भी आरोपियों को नौकरी दिए जाने पर हैरानी जताई.
ट्विटर पर आम लोगों ने भी घटना पर हैरानी, गुस्सा और निराशा जाहिर की.
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