भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर हुई वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया है कि माओवादियों की साजिश कानून-व्यवस्था बिगाड़कर सरकार गिराने की थी. महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी के मुताबिक सबूतों के आधार पर एक्टिवस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी परमवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में माओवादियों के खत को जारी करते हुए दावा किया कि रोना विल्सन और सीपीआई माओवादी नेता के बीच एक ई-मेल में राजीव गांधी जैसी घटना के जरिए 'मोदी-राज' को खत्म करने के बारे में कहा गया है. पुलिस ने जून में वामपंथी कार्यकर्ता रोना विल्सन को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने खत को सबूत बताया
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, रोना विल्सन ने माओवादी नेता कॉमरेड प्रकाश को लिखे खत लिखा था. जिसमें रॉकेट लॉंचर के लिए 8 करोड़ रुपए की जरूरत बताई गई थी.
सिंह ने खत के हवाले से कहा, “कॉमरेड किसन और कुछ अन्य कॉमरेड ने मोदी राज खत्म करने के लिए कई तरीकों का जिक्र किया था. जिसमें राजीव गांधी (हत्याकांड) जैसी ही अन्य घटना दोहराने की बात थी.
पुलिस के पास पुख्ता सबूतः एडीजी
एडीजी परमवीर सिंह ने वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर कहा, 'जब हमें यकीन हो गया कि ये लोग (गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट) माओवादियों के संपर्क में थे, तभी हमने अलग-अलग शहरों में इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. हमारे पास मौजूद सबूत साफ तौर पर बताते हैं कि ये लोग माओवादियों के संपर्क में थे.'
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