प्रणब मुखर्जी के आरएसएस हेडक्वॉर्टर जाने और भारतीय राष्ट्रवाद पर विचार रखने को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इतिहास की अहम घटना बताया है. आडवाणी ने कहा कि इस तरह के खुलेपन की भावना और आपसी सम्मान के साथ विचारों के आदान प्रदान से सहिष्णुता और सौहार्द की भावना तैयार करने में मदद मिलेगी. आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निमंत्रण स्वीकार करने के लिये प्रणब मुखर्जी और उन्हें आमंत्रित करने के लिये संघ प्रमुख मोहन भागवत की तारीफ की है.
प्रणब-भागवत की जमकर तारीफ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे प्रणब मुखर्जी ने 7 जून को आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इसपर आडवाणी ने कहा कि भागवत-प्रणब के विचार अपने आप में बेहद अहम विषय को रखते हैं. RSS के आजीवन स्वयंसेवक आडवाणी ने कहा कि उनका मानना है कि प्रणब मुखर्जी और भागवत ने विचारधाराओं और मतभेदों से परे बातचीत का सही मायने और उदाहरण पेश किया है. उन्होंने कहा कि दोनों ने भारत में एकता की अहमियत को बताया जो बहुलतावाद समेत सभी तरह की विविधता को स्वीकार और सम्मान करती है.
आरएसएस के प्रयासों की सराहना
लालकृष्ण आडवाणी ने देश के हर वर्ग तक पहुंच बनाने की भागवत की कोशिशों की सराहना की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा,‘‘ इस प्रकार खुलेपन की भावना और आपसी सम्मान के साथ विचारों के आदान प्रदान से सहिष्णुता, सौहार्द और सहयोग की भावना तैयार करने में मदद मिलेगी जो हमारे साझा सपनों के भारत के निर्माण में सहायक होगा.'' प्रणब मुखर्जी की सराहना करते हुए आडवाणी ने कहा कि उन्होंने आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करके विनम्रता और सदाचार का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके लंबे और व्यापक अनुभव ने उन्हें एक राजनेता बनाया है जो कई विचारधाराओं और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच चर्चा परिचर्चा और सहयोग की जरूरत को समझता है.
(इनपुट: भाषा)
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