ADVERTISEMENTREMOVE AD

सऊदी की जेल में 604 दिन काटकर देश लौटा शख्स,क्राउन प्रिंस के अपमान का था आरोप

604 days in Saudi jail for a fb post:स्थानीय पुलिस ने जांच कर सऊदी अधिकारियों को भेजी रिपोर्ट,जिसकी वजह से हुई रिहाई

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सऊदी की जेल में 604 दिन काटने के बाद 34 साल के हरीश बेगेरा (Harish Begera) बुधवार को अपने घर कर्नाटक के उडुपी वापस आ गए हैं. उन पर आरोप था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर क्राउन प्रिंस और एक समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की. 34 साल के बेगेरा वहां एयर कंडीशनिंग टेक्नीशियन का काम करते थे. सऊदी अरब में उन्हें मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा हुई थी. लेकिन बाद में उडुपी पुलिस की जांच में पता चला कि फेसबुक पोस्ट हरीश बेगेरा ने नहीं बल्कि कर्नाटक के किसी और शख्स ने उसके नाम पर लिख दी थी

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या था पूरा मामला

“मैंने पोस्ट साझा करने के लिए माफी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया. हालांकि, मैंने यह उल्लेख नहीं किया कि यह विशेष रूप से उस पोस्ट के लिए था, जिसे मैंने बनाया था. और बाद में अपना मैंने फेसबुक अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया."
बुधवार को सुबह बेंगलुरु पहुंचे हरीश ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि,

उस पोस्ट में हरीश ने भारत सरकार के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम एक्ट और नेशनल सिटीजन रजिस्टर (NRC) बनाने पर समर्थन करने वाली बात कही थी. जिस वजह से उसे अपनी कंपनी में कार्रवाई का भी सामना करना पड़ा था.

लेकिन बाद में उसी दिन उसके नाम से किसी और फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट डाली गई. जिसमें उसके एम्प्लॉयर का ध्यान आकर्षित करते हुए पोस्ट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बातें थी.

फिर इसी पोस्ट के 3 दिन बाद हरीश को 22 दिसंबर, 2019 को सऊदी शहर दम्मम में गिरफ्तार किया गया था, जहां वह काम करता था.

कैसे हुई हरीश की रिहाई

उडुपी में हरीश की पत्नी सुमना एम ने जिला पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सुमना ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों ने फेसबुक पर हरीश बंगेरा की फेक आईडी बनाई है.

जांच करने के बाद पिछले साल अक्टूबर में स्थानीय पुलिस ने दक्षिण कणंदा जिले के मूडबिद्री शहर से दो भाइयों, अब्दुल हुयेज़ और अब्दुल थ्यूएज को गिरफ्तार किया.

पुलिस जांच में पाया गया कि जिस दिन हरीश ने अपना फेसबुक अकाउंट डिएक्टिवेट किया था. उसी दिन दोनों भाईयों ने हरीश से गुस्से की वजह से, उसके नाम से एक फेसबुक आईडी बनाई, जिसमे उन्होंने सीएए और एनआरसी का समर्थन करने वाली पोस्ट शेयर की थी.

उडुपी जिला पुलिस ने बताया कि चार्जशीट बनाकर उसका अनुवाद किया गया और विदेश मंत्रालय के माध्यम से सऊदी अधिकारियों के साथ साझा किया गया. जिसका संज्ञान लेते हुए मंगलवार को सऊदी अधिकारियों ने हरीश बंगेरा को रिहा कर दिया.

0

19 महीने बाद अपनी 4 साल की बेटी को एयरपोर्ट पर देख रो पड़ा हरीश

बुधवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 19 महीने बाद अपनी चार साल की बेटी को देखकर बंगेरा अपने आंसू नहीं रोक पाए.

“मुझे किसी और द्वारा बनाई गई पोस्ट के द्वारा एक आतंकवादी की तरह दिखाया गया. मैं और मेरा परिवार भयानक समय से गुजरे. जेल जाने से पहले मैंने अपनी पत्नी और बेटी को दिनभर में तीन-चार बार वीडियो कॉल किया. जेल जाने के बाद मैंने मुश्किल से ही उनसे बात की”

हरीश ने कहा कि उन्हें हमेशा विश्वास था कि उन्हें न्याय मिलेगा. "लेकिन मुझे 604 दिन जेल में काटने के बाद रिहा किया गया."

“हमें खुशी है कि हरीश घर वापस आ गया है. आरोपी के खिलाफ मामला स्थानीय अदालत में विचाराधीन है."
एसपी विष्णुवर्धन ने कहा,

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×