अहमदाबाद ब्लास्ट (Ahmedabad Blast) केस में 13 साल बाद देश की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई. इस केस में 38 आतंकियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा हुई. सजा इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि देश के इतिहास में इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड में एक साथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी. इस केस में 78 आरोपियों में से 49 लोगों को 8 फरवरी को दोषी करार दिया गया था. लेकिन 2008 में हुए इस ब्लास्ट में गिरफ्तारी से सजा तक कब क्या हुआ? चलिए जानते हैं
अहमदाबाद ब्लास्ट से जुड़ी बड़ी जानकारी
26 जुलाई 2008 को शाम 6:30 से रात करीब 8:15 बजे तक अहमदाबाद में 20 अलग अलग स्थानों पर हुए 21 धमाके हुए थे.
हाटकेश्वर, खड़िया, नरोदा, नरोल सर्कल, जवाहर चौक, गोविंद वाली, सिविल हास्पिटल, ठक्कर, बापा नगर, इसनपुर, एलजी अस्पताल, रायपुर चकला, सारंगपुर और सरखेज जैसी प्रमुख जगहों पर धमाके हुए थे
इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी और 250 से ज्यादा जख्मी हुए थे.इस केस में 6 हजार पन्नों से ज्यादा के दस्तावेजी सबूत और 1100 से ज्यादा गवाहों की गवाही पेश की गई थी.आमहदाबाद ब्लास्ट केस की सुनवाई के दौरान 7 जज बदले गए
अहमदाबाद ब्लास्ट केस टाइमलाइन
26 जुलाई 2008
70 मिनट में 20 जगहों पर 21 धमाके हुए, जिसमें सरकारी आंकड़ों के माबिक 56 लोगों की मौत हुई और 250 से ज्यादा घायल हुए. उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
27 जुलाई 2008
धमाकों के अगले ही दिन आतंकियों ने फिर ब्लास्ट करने की कोशिश की. लेकिन टाइमर में कुछ दिक्कत आई और बम नहीं फटे. इसके बाद 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 को पुलिस ने शहर की अलग-अलग जगहों से 29 बम बरामद किये.
15 अगस्त 2008
पुलिस ने 19 दिन में 30 लोगों को गिरफ्तार किया, कुछ आतंकी पाकिस्तान भाग गए. 30 गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने अलग-अलग शहरों में छापेमारी कर गिरफ्तारियां की.
दिसंबर 2009
देश के अलग-अलग हिस्सों से 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दिसंबर 2009 में 35 FIR को एक साथ जोड़कर मुकदमा शुरू हुआ. इन्हीं में से एक बाद में सरकारी गवाह बना.
2009 से 2020 तक रोजाना सुनवाई
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 2009 से रोजाना सुनवाई शुरू हुई जो 2020 तक चली. पिछले साल सितंबर में अदालत ने मुकदमे की कार्यवाही खत्म की तब सरकारी वकील ने बताया था कि इस केस में राजाना सुनवाई हुई. यहां तक कि लॉकडाउन में भी इसकी सुनवाई नहीं रुकी. इसमें 51 लाख पेज की चार्जशीट बनी थी. 1163 गवाहों की गवाही को इस केस में शामिल किया गया था
8 आरोपी अभी भी फरार
इस केस में 8 आरोपियों की अभी भी तलाश जारी है. हालांकि अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में बंद है.
8 फरवरी 2022
अदालत ने 78 में से 49 आरोपियों को दोषी करारा दिया और 28 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया जबकि 1 आरोपी सरकारी गवाह बन गया था उसे भी बरी कर दिया गया.
18 फरवरी 2022
सुबह करीब 11.30 बजे अहमदाबाद की एक अदालत ने 49 गुनहगारों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई और बाकी 11 को उम्रकैद
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