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कोरोना होने पर क्या करें? देश के 3 बड़े डॉक्टरों ने दिया जवाब

एम्स के डायरेक्टर गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉ त्रेहन और नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर देवी शेट्टी ने दिए जवाब

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देशभर में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर देश के तीन बड़े डॉक्टर सामने आए और लोगों को तमाम जानकारियां दीं. इनमें दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर देवी शेट्टी और मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर त्रेहन शामिल हैं.

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खांसी-बुखार को फिलहाल सामान्य न समझें- डॉ शेट्टी

नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर देवी शेट्टी ने लोगों से कहा कि, अगर आप कोरोना से संक्रमित होते हैं तो सबसे पहले एक जानकार डॉक्टर को दिखाएं. कोरोना से पैनिक होने की जरूरत नहीं है. ये भी हो सकता है कि आपमें कोरोना के लक्षण ना हों. तो आपको हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं है. आप अपना ऑक्सीजन लगातार चेक करते रहें. अगर आपका ऑक्सीजन 95 से ऊपर है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर नीचे आता है तो आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. अगर आपको बुखार या फिर बॉडी पेन है तो इसे नॉर्मन नहीं मानें. तुरंत टेस्ट करवाएं.

घर पर ही हो सकते हैं ठीक- डॉ त्रेहन

मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर त्रेहन ने कहा कि, अगर आप संक्रमित हैं तो आप होम आइसोलेशन में रह सकते हैं. अगर आपके पास जगह नहीं है तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है, जहां पर आप आइसोलेट हो सकते हैं. यहां आपको मॉनिटर भी किया जाएगा. हॉस्पिटल भी ऐसी व्यवस्था रख रहे हैं. डॉक्टर को आपको गाइड करने दें. खुद से कुछ न समझें. अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको एडमिट होने की जरूरत है, तभी आप हॉस्पिटल जाएं. आप खुद के पास ऑक्सीमीटर भी रखें. डॉक्टर की बताई गई दवाओं को घर पर ही रहकर लें और कुछ ही दिनों में आप ठीक हो जाएंगे. डॉक्टर त्रेहन ने आगे कहा कि,

“हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि उन लोगों के लिए बेड खाली रखें, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरी है. पैनिक होने की जरूरत नहीं है. अगर रेमडेसिविर की बात करें तो ये भारत में लगातार बनाई जा रही है. इसका इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर होता है. अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज को पहले से ही कुछ बीमारियां हैं, उन्हें वायरस से बहुत खतरा है तो पहले के कुछ दिनों में रेमडेसिविर दी जाती है. ये कोई रामबाण नहीं है. ये वायरल को थोड़ा कम करने का काम करती है, वो भी उनमें जिन्हें इसकी जरूरत है.”
मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर त्रेहन
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ऑक्सीजन की बर्बादी रोकना जरूरी

ऑक्सीजन को लेकर डॉक्टर त्रेहन ने बताया कि, ज्यादातर लोग जल्दी से ठीक हो रहे हैं. अगर आपका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है और डॉक्टर आपको हॉस्पिटल जाने की सलाह देता है तो ही आप वहां जाएं. आज हमारे पास इतना ऑक्सीजन है कि हम इसका आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपको इसकी जरूरत नहीं है तो आप इसे सिर्फ सिक्योरिटी के लिए यूज न करें. इसका सही इस्तेमाल करना जरूरी है. बर्बादी भी एक बड़ा कारण है.

उन्होंने कहा कि, मेरी लोगों से अपील है कि अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है तो हॉस्पिटल नहीं भागें. डॉक्टर को दिखाएं और इसके बाद जरूरी दवा लेकर घर पर ही रहें. जब तक कि आपको इससे तकलीफ नहीं होती. डॉक्टरों को भी यही सलाह है कि लोगों को समझाएं.

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85 फीसदी लोग हॉस्पिटल के बिना हो रहे ठीक- गुलेरिया

एम्स डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, सबसे ज्यादा जरूरी बात ये है कि 85 फीसदी लोग बिना किसी बड़े इलाज के ठीक हो रहे हैं. उन्हें कॉमन कोल्ड की तरह कोरोना हो रहा है और वो पैरासिटामॉल और विटामिन की दवा लेकर ठीक हो रहे हैं. अगर आपको बहुत ज्यादा फीवर है और ऑक्सीजन लेवल कम हो गया है तो आपको इलाज की जरूरत है. हमें ये समझने की जरूरत है कि सभी को हॉस्पिटल की जरूरत नहीं है. रेमडेसिविर का डेटा कहीं भी ये नहीं कहता है कि इससे कोई चमत्कार होता है. डब्ल्यूएचओ की स्टडी में भी बताया गया है कि इसका ज्यादा फायदा नहीं है. डॉ गुलेरिया ने कहा कि,

“बिना बात के हॉस्पिटल जाना गलत है. इससे आप उनके हिस्से का बेड ले रहे हैं, जिन्हें इसकी आपसे ज्यादा जरूरत है. ऑक्सीजन की अगर बात करें तो इसका भी उसी तरह इस्तेमाल होना चाहिए. सभी को ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत नहीं है. दिक्कत ये है कि लोगों का ऑक्सीजन ठीक है, लेकिन फिर भी लगातार वो ऑक्सीजन लेते जा रहे हैं. ये करना ठीक नहीं है. कई लोगों ने घरों में ऑक्सीजन सिलिंडर ले रखे हैं और घंटों तक इसे ले रहे हैं.”
एम्स डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया
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उन्होंने आगे कहा कि, अगर आपका ऑक्सीजन सैचुरेशन 93-92 है तो वो ठीक है. अगर आपका ऑक्सीजन 90 तक पहुंच जाता है तो आपको कुछ ऑक्सीजन की जरूरत है. राज्यों में भी ऑक्सीजन की कमी इसीलिए देखी जा रही है.

वैक्सीन लेने के बाद हो सकता है कोरोना

डॉ गुलेरिया ने वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि, वैक्सीन आपको बीमारी से बचाएगी. संक्रमण से नहीं. ये आपको आईसीयू में जाने और मरने से बचाने का काम करेगी. अगर आप संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो वायरस आपके शरीर में जाएंगे. लेकिन शरीर में मौजूद एंटीबॉडी के चलते आप गंभीर तौर पर बीमार नहीं होंगे. अगर वैक्सीन लगाने के बाद आप संक्रमित होते हैं तो आप दूसरों को संक्रमित करेंगे. इसीलिए अब भी मास्क बहुत ज्यादा जरूरी है. ये नहीं कह सकते हैं कि मैंने वैक्सीन ले ली है तो मुझे कुछ नहीं हो सकता.

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