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AC Blast Cases: एसी बन रहा धधकता गोला, जानें क्यों होते हैं ब्लास्ट और क्या हैं बचाव?

30 मई की सुबह नोएडा के सेक्टर 100 के लोटस बुलवर्ड सोसाइटी में एसी फटने की वजह से आग लग गई.

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देशभर में प्रचंड गर्मी (Heat Wave) से लोग बेहाल हैं. इस गर्मी से निजात पाने के लिए लोग एयर कंडीशनर और कूलर पर पूरी तरह से निर्भर हो चुके हैं. जहां एक तरफ भीषण गर्मी नए रिकॉर्ड बना रही है वहीं थोड़ी राहत पहुंचाने वाली एसी में ब्लास्ट की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं.

30 मई की सुबह नोएडा के सेक्टर 100 के लोटस बुलवर्ड सोसाइटी में एसी फटने की वजह से आग लग गई. चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप कुमार चौबे ने कहा, "आग बहुत ज्यादा नहीं फैल सकी क्योंकि कमरे में फायर सिस्टम स्पिंकलर लगे थे. इस वजह से ही समय रहते आग पर काबू पा लिया गया."

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ऐसे में सवाल उठता है कि एयर कंडीशनर से जुड़े ये हादसे किन वजहों से होते हैं, क्यों एसी आग पकड़ लेता है या विस्फोट हो जाता है, क्या इसके पीछे की वजह भीषण गर्मी है या माजरा कुछ और है?

तो बता दें, एसी में आग पकड़ने या विस्फोट होने के पीछे सिर्फ गर्मी को जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है. इसके अलावा भी कई फैक्टर्स हैं जिसकी अनदेखी से ये हादसे हो सकते हैं.

क्विंट हिंदी ने एसी में आग लगने की घटनाओं को लेकर अपने सवाल एसी और कंप्रेशर के जानकार अकीब पठान से किए.

अकीब पठान कहते हैं, "एसी की क्षमता 42 डिग्री सेल्सियस के तापमान को झेलने तक की होती है लेकिन इस वक्त देश के कई हिस्सों में तापमान इससे कहीं ज्यादा है. हालांकि सिर्फ गर्मी के कारण एसी में आग लगती है या फिर विस्फोट होता है, ये कहना गलत होगा. कई बार टेक्नीशियन नाइट्रोजन डाल कर सफाई कर रहे होते और एसी गलती से ऑन हो जाता है, ऐसी स्थिति में भी आग लग जाती है.

कंप्रेशर के टर्मिनल के कमजोर होने की वजह से भी आग या विस्फोट जैसी समस्याएं आती हैं.
अकीब पठान, एयर कंडीशनर और कंप्रेशर के जानकार

AC में आग लगने की वजहें

अच्छी सामग्री का करें इस्तेमाल

इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम हमेशा बेहतर सामग्री का ही इस्तेमाल करना चाहिए नहीं तो जान पर बन आती है. इसी तरह अगर एसी की वायरिंग में इस्तेमाल किया गया तार, प्लग, सॉकेट और सर्किट ब्रेकर अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं तो इसके कारण एसी में आग लग सकती है.

वोल्टेज का रखें ध्यान

एसी के साथ-साथ अन्य इलेक्ट्रिक सामानों पर भी वोल्टेज के फ्लक्चुएशन का प्रभाव पड़ता है. इसके कारण भी एसी में आग लग सकती है. इसके लिए पहले वोल्टेज को स्थिर होने दें उसके बाद ही एसी का इस्तेमाल करें. कम और ज्यादा वोल्टेज दोनों ही हानिकारक हैं.

गलत गैस का इस्तेमाल

आमतौर पर एसी में फ्रेऑन गैस का इस्तेमाल होता है. इसमें आग नहीं लगती है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग में इसकी हिस्सेदारी काफी होती है. साल 2019 के बाद बने नए एसी में R410a नाम की गैस का इस्तेमाल किया जाता है जो कि प्यूरॉन होता है. इसमें भी आग नहीं लगती है.

हालांकि, गलत गैस का इस्तेमाल करने पर ओवर हीटिंग हो सकती है और जिससे आग लग सकती हैं. ऐसे में गैस की जानकारी रखना भी जरूरी है.

क्या हों बचाव के तरीके?

फिल्टर का रखें ख्याल

गर्मी में एसी सही तरीके से चले इसके लिए जरूरी है कि एसी के फिल्टर को समय-समय पर साफ किया जाए. इसमें धूल जमने से एसी के एयरफ्लो में बाधा आती है जिससे एसी पर ज्यादा लोड पड़ता और ओवरहीट हो जाता है. कई बार इसी की वजह से एसी आग पकड़ लेता है.

शेड का करें इस्तेमाल

अगर आपके एसी का कंप्रेसर छत पर खुले में लगा है तो उसके ऊपर शेड बनवा दें जिससे उसके टेंपरेचर में 5 से 6 डिग्री का अंतर आ जाएगा. इसके अलावा एसी के कंप्रेसर या आउटर यूनिट पर एक मग पानी डालते रहे ताकि टेंपरेचर कंट्रोल में रहे.

एसी की सर्विस, आउटडोर यूनिट को पर्याप्त जगह

किसी भी हादसे से बचने और एसी का बेहतर अनुभव लेने के लिए समय-समय पर सर्विस करानी चाहिए. इसके साथ ही एसी के आउटडोर यूनिट का सेटअप ऐसी जगह हो जहां पर्याप्त जगह हो और हवा आती हो. साथ ही एसी चलाते वक्त हर एक से दो घंटे में 5 से 7 मिनट के लिए इसे बंद दें.

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