नए साल में विमान सफर सस्ता हो सकता है. दरअसल एटीएफ यानी विमान ईंधन के दामों में 14 फीसदी से ज्यादा कटौती हुई है. इससे एयरलाइंस कंपनियों की लागत घटेगी और इसका लाभ वे सस्ते एयर टिकट के तौर पर यात्रियों को दे सकते हैं. विमान ईंधन की कीमत में एक ही झटके में यह सबसे बड़ी कटौती है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एटीएफ की कीमतों में कमी आया है. इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है. यही वजह है कि विमान ईंधन लगातार सस्ता हुआ है. इससे लागत बढ़ने का दबाव झेल रही एयरलाइंस कंपनियों को राहत मिलेगी. भारतीय बाजार में कंपीटिशन का सामना कर रही एयरलाइंस कंपनियां किराया सस्ता कर सकती हैं. सस्ते टिकट से ये एयरलाइंस ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को अपनी ओर खींचने की कोशिश करेंगी.
तेल कंपनियों ने एटीएफ के रेट में 14.7% यानी लगभग 9,990 रु/किलो लीटर) कम किए हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. एटीएफ की कीमत 58,060.97 रुपए प्रति किलो लीटर हो गई है. एक किलो लीटर में 1000 लीटर होते हैं. इसक तरह अब एटीएफ की कीमत 58.06 रुपए प्रति लीटर हो गया है, जो पेट्रोल-डीजल से भी कम है. दिल्ली में एक लीटर की कीमत लगभग 68.65 और डीजल की 62.66 रुपए है.
तेल कंपनियां हर महीने पहली तारीख को एटीएफ के रेट बदलती है. रुपए-डॉलर के एक्सचेंज रेट के हिसाब से कीमतें तय की जाती है. एक दिसंबर 2018 को एटीएफ कीमतों 10 फीसदी से ज्यादा की कटौती की गई थी. इस कटौती ने एयरलाइंस कंपनियों ने राहत की सांस ली है. जेट एयरवेज समेत कई एयरलाइंस कंपनियां महंगे एटीएफ के भारी दबाव में है.
जेट एयरवेज के लिए तो कंपीटिटर से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है. जेट एयरवेज के कर्मचारियों को कुछ महीनों से वेतन भी नहीं मिला है. जेट एयरवेज इस मुश्किल हालात से उबरने के लिए निवेशक तलाश रही है. खबर है कि जेट एयरवेज के सीईओ नरेश गोयल इस संबंध में टाटा से मिल चुके हैं.
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