टेलीकॉम इंडस्ट्री इस समय अपनी अब तक की सबसे बड़ी मुश्किल का सामना कर रही है. एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले को लेकर टेलीकॉम कंपनियां जूझ रही हैं. अब भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने AGR को इंडस्ट्री का 'अभूतपूर्व संकट' बताया है.
सुनील मित्तल का ये बयान टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ मुलाकात के बाद आया है. मित्तल ने कहा कि कंपनी AGR के बकाया भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही बाकी का भुगतान भी कर देगी.
सुनील मित्तल ने कहा कि इंडस्ट्री पर भारी टैक्स लगा हुआ है और इसमें थोड़ी छूट मिलनी चाहिए.
वित्त मंत्री से भी मिले थे मित्तल
सुनील मित्तल ने बुधवार 19 फरवरी को वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. ये मीटिंग करीब 40 मिनट चली थी. हालांकि, दोनों ने इस बैठक में कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी.
कोई खास बात नहीं है. टेलीकॉम इंडस्ट्री साढ़े तीन से तनाव में है. ये इंडस्ट्री देश के डिजिटल एजेंडा के लिए बहुत जरूरी है और कई इंडस्ट्री इसके सहारे चलती हैं. सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सेक्टर कैसे सस्टेन करेगा.सुनील मित्तल
सुनील मित्तल ने 19 फरवरी को दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश से भी मुलाकात की थी.
एयरटेल ने भरे थे 10,000 करोड़
सुप्रीम कोर्ट की फटकार और फिर सरकार के अल्टीमेटम के बाद आखिरकार टेलीकॉम कंंपनी एयरटेल ने 17 फरवरी को AGR बकाए के कुछ हिस्से का भुगतान कर दिया था. एयरटेल ने कहा है कि वो अपने बाकी के बकाए का पेमेंट सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई के पहले कर देंगे.
क्या है AGR?
AGR दूरसंचार विभाग (DoT) के टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है. इसके दो हिस्से हैं- स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस. DoT का कहना है कि AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाले संपूर्ण आय या रेवेन्यू के आधार पर होनी चाहिए, जिसमें डिपोजिट इंटरेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल है.
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