जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी में भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता मामले पर कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके आठ साल के कार्यकाल में ऐसा सिर्फ एक बार हुआ, जबकि मोदी राज में तीन साल के भीतर ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं.
एंटनी ने कहा, "हमारे समय में आठ सालों में ऐसा सिर्फ एक बार ही हुआ था, जबकि इस सरकार में तीन बार हो चुका है. इस तरह का मामला भारतीय सेना के मनोबल को प्रभावित करता है. इससे देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते है. आर्मी को सही समय पर कार्रवाई करने की खुली आजादी दी जानी चाहिए."
भारतीय सेना के डीजीएमओ ने एक बयान में कहा कि इस तरह का मामला किसी भी मानदंड से परे है और इसकी खुलकर निंदा की जानी चाहिए.
आंतकी मुजाहिद्दीन भी शामिल
बीएसएफ ने खुलासा किया है कि जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी में हुए हमले में इस्लामाबाद की बॉर्डर एक्शन टीम के साथ-साथ मुजाहिद्दीन के आतंकी भी शामिल थे.
मैं इस मामले पर सामान्य तौर पर कमेंट नहीं करूंगा. लेकिन हां, हर कोई जानता है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ के यहां विजिट करने के बाद इस हमले को अंजाम दिया गया है.केएन चौबे, एडीजी, बीएसएफ
चौबे के अनुसार, इस हमले को पाकिस्तान आर्मी और पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने मिलकर अंजाम दिया है. और सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे उनकी तरफ से पहला रॉकेट हमला किया गया.
उसके बाद पाकिस्तानियों ने एलओसी पार की और भारतीय सीमा के 200 मीटर अंदर तक आ गए. और मौका देखते ही भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया.
इसी प्लान के तहत 8 जनवरी 2013 को पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने 13 राजपुताना राइफल सुधाकर सिंह और नाइक हेमराज को मारकर सिर काट दिया था. यह हमला जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में हुआ था.
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