इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अखलाक के परिवार के छह सदस्यों की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी.
हालांकि, चीफ जस्टिस प्रभात चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस रमेश सिन्हा की पीठ ने अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है. जिन लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगी है, उनमें अखलाक की पत्नी इकरामान और मां असगरी शामिल हैं.
मामले की जांच
ग्रेटर नोएडा की एक कोर्ट ने 14 जुलाई को अखलाक के घरवालों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
बिसाहड़ा गांव के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई के बाद चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने पुलिस से पूरे मामले की जांच करने को कहा था.
याचिकाकर्ता का आरोप है कि अखलाक के परिवार ने गाय के एक बछड़े को मारा और अखलाक के भाई जान मोहम्मद को बछड़े का गला काटते हुए देखा गया.
मई में फॉरेंसिक की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अखलाक के घर में बना मांस गाय या उसके बछड़े का था, जिसके बाद अखलाक के परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
सितंबर, 2015 की है घटना
गौतमबुद्ध नगर के बिसाहड़ा गांव में बीते साल सितंबर में अखलाक को हिंसक भीड़ ने कथित तौर पर बीफ खाने को लेकर मार डाला था.
अफवाह उड़ी कि अखलाक के घरवालों ने एक गाय को काटकर खाया, जिसके बाद भीड़ ने 28 सितंबर, 2015 को 52 साल के अखलाक मोहम्मद को पीट-पीटकर मार डाला. उसके बेटे दानिश को भीड़ ने घायल कर दिया. मामले में 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)