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‘सूर्यवंशी’ वाले अक्षय जी, महिलाएं भी हीरो हो सकती हैं

अक्षय कुमार की कुछ बातों पर सवाल उठाना चाहूंगी... ये बातें जो सीधे-सीधे सेक्सिस्ट हैं

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भले 'मिशन मंगल' और 'पैडमैन' जैसी फिल्मों के लिए अक्षय कुमार को महिलाओं को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया गया हो, लेकिन उनके अंदर का मिसॉजिनिस्ट ज्यादा दिन तक छिपा नहीं रह सका. हाल ही में, उनकी अगली फिल्म 'सूर्यवंशी' का ट्रेलर रिलीज हुआ. 4 मिनट से ज्यादा लंबा ये ट्रेलर ये बताने के लिए काफी था कि ये टेस्टोरेन से भरी हुई एक टिपिकल फिल्म है, जैसा रोहित शेट्टी ऑडियंस को परोसने के लिए जाने जाते हैं. और ये महिलाओं को लेकर उनके एटीट्यूड को बताने के लिए भी काफी है. फिर भी मैं अक्षय कुमार की कुछ बातों पर सवाल उठाना चाहूंगी... ये बातें जो सीधे-सीधे सेक्सिस्ट हैं.

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‘सूर्यवंशी’ में अक्षय कुमार, अजय देवगन, रणवीर सिंह और कटरीना कैफ लीड रोल में हैं. रोहित शेट्टी के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म 24 मार्च को रिलीज होगी.

2 मार्च को, 'सूर्यवंशी' के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर, अक्षय कुमार ने फिल्म में अपनी को-एक्टर कटरीना कैफ की परफॉर्मेंस के बारे में एक बेहद गंभीर सेक्सिस्ट बयान दिया. मैं बताती हूं उन्होंने आखिर कहा क्या.

तो ये कुछ इस तरह हुआ- उन्होंने कहा, 'मैं कटरीना कैफ का बड़ा फैन हूं.' ये तारीफ थी. अच्छी बात है!

हालांकि, जब अजय देवगन ने बात करनी शुरू की, तो चीजें बिगड़ने लगीं. अक्षय कुमार ने एक ही सांस में कटरीना को ऑब्जेक्टिफाई और कम कर किया, और उनके बॉलीवुड करियर के लिए क्रेडिट भी ले लिया.

‘पहले मैं उनके हुस्न का फैन था. उन्होंने इस फिल्म में इतना शानदार काम किया है. और उनके जज्बे को मानना पड़ेगा, कि एक लड़की जिसको हिंदी का एक शब्द नहीं आता था, इस इंडस्ट्री के अंदर आई और आज सबसे बड़े-बड़े हीरों के साथ काम करती है. जोरदार तालियां इनके लिए.’
अक्षय कुमार, एक्टर

मतलब क्या वो सुन सकते हैं कि उन्होंने क्या कहा और उनके सिर्फ इस एक बयान में कितनी गलतियां थीं? अगर हम इस बात को नजरअंदाज भी कर दें कि उन्होंने कटरीना को ऑब्जेक्टिफाई किया, तो भी उनकी इस 'तारीफ' में कई आपत्तिजनक बातें हैं. मतलब अक्षय कुमार के मुताबिक, कटरीना की सक्सेस का, उनके टैलेंट और मेहनत से कुछ लेना-देना नहीं है, बल्कि इस बात से है कि उन्होंने 'बड़े हीरोज' के साथ काम किया है. इंडस्ट्री में सफल एक्ट्रेस बनने के लिए और क्या चाहिए मतलब?!

माफ करिए मिस्टर कुमार, लेकिन महिलाएं भी हीरो हो सकती हैं. असल में, उन्हें ऐसे मौके आप जैसे असुरक्षित मर्दों की वजह से ही नहीं मिल रहे हैं, जो किसी महिला के फिल्म में ज्यादा रोल होने, या उसके पास अथॉरिटी होने के खयाल के बारे में सोचकर ही घबरा जाते हैं.

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बॉलीवुड इस देश की कोई सबसे प्रोग्रेसिव इंडस्ट्री नहीं है. इस इंडस्ट्री में तमाम खामियां हैं,  लेकिन वक्त के साथ इसे बदलने और आगे बढ़ने के लिए मजबूर किया गया. 2019 शायद महिलाओं या फीमेल कैरेक्टर्स के लिहाज से कोई सबसे अच्छा साल नहीं रहा, लेकिन पिछले एक दशक में, हमने ऐसी कई फिल्में देखी हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है, और वो भी बिना किसी मेनस्ट्रीम 'हीरो' के बावजूद.

आलिया भट्ट की ‘राजी’, विद्या बालन की ‘तुम्हारी सुलू’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा परफॉर्म किया, प्रियंका चोपड़ा की ‘मैरी कॉम’ को भी मेनस्ट्रीम ऑडियंस ने पसंद किया था. इन सभी फिल्में की जिम्मेदारी किसी बड़े ‘हीरो’ के नहीं, बल्कि फीमेल एक्टर्स के कंधों पर थीं. और तो और, 2020 की शुरुआत भी ‘पंगा’ और ‘थप्पड़’ जैसी जोरदार फिल्मों से हुई, जिनमें महिलाओं ने लीड कैरेक्टर निभाया है.

महिलाओं के नेतृत्व वाली इन फिल्मों की इकनॉमिक्स और पॉलिटिक्स मेल एक्टर्स की फिल्मों से अलग है, और ये वो सच्चाई है जो अक्षय कुमार शायद अभी मानने को तैयार नहीं हैं. अक्षय कुमार में कितना अहंकार है और कितनी जल्दी उन्हें चोट पहुंचती है, ये 2019 में एचटी लीडरशिप समिट में तब दिखा था जब एक्टर करीना कपूर ने कहा कि उन्हें भी अक्षय कुमार जितने पैसे मिलने चाहिए. अक्षय और करीना पिछले साल धर्मा प्रोडक्शन्स की फिल्म 'गुड न्यूज'में नजर आए थे.

अक्षय कुमार ने फिर करीना को चैलेंज किया था कि वो फिल्म का 'हीरो' बनें और रिम्युनरेशन की बजाय, प्रॉफिट्स में 50 फीसदी शेयर लें.

‘मैं तैयार हूं, सभी के सामने, ऐसी फिल्म बनाएं जिसमें वो हीरो का रोल करें और वो 50-50 पार्टनर होंगी. क्या तैयार हैं?’
अक्षय कुमार, एक्टर

करीना ने आगे कहा कि 'गुड न्यूज' में लड़की भी फिल्म का हीरो थी. इसके बाद की बातचीत भी साफ करती है कि अक्षय कुमार इस बात को लेकर कितने असहज थे. वो बार-बार फिल्म में 'हीरो' का किरदार निभाने के लिए कह रहे थे.

अक्षय कुमार, मैं आपसे यही कहना चाहती हूं, आप अपनी परफॉर्मेंस अच्छी कर सकते हैं, आप अपनी पत्नी के लिए पब्लिक में प्यार का इजहार कर सकते हैं, आप अपनी फिल्म के सेट पर महिलाओं को किसी रानी की तरह रख सकते हैं, आप महिला पर बनी फिल्म में साइडलाइन भी हो सकते हैं शायद. लेकिन इन सभी बातों का कोई मतलब नहीं अगर आप किसी महिला की इज्जत नहीं कर सकते. आप आज 'हीरो' उस सोशल सिस्टम की वजह से बन पाए हैं, जो मर्दों के फायदे के लिए मर्दों की देन है. तो शायद अब वक्त आ गया है कि आप मर्द होने पर मिले अपने प्रिवलेज को देखें और उन बातों से खतरा महसूस करना बंद करें जिनका सम्मान करने का आप दावा करते हैं.

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