झारखंड (Jharkhand) के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) के निजी सचिव संजीव कुमार लाल (Sanjeev Kumar Lal) और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 35.32 करोड़ रुपये बरामद किए हैं. ED ने सचिव संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (Jahangir Alam) को गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरी कर्रवाई के बाद कांग्रेस नेता और मंत्री आलमगीर भी सुर्खियों में आ गए हैं.
ED ने किस मामले में की कार्रवाई?
वीरेंद्र राम मामले की जांच में जुटी प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रांची में छापेमारी की. मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक के घर पर भी कार्रवाई हुई. सहायक के घर से नोटों का भंडार मिला. इतनी बड़ी मात्रा में कैश मिलने के बाद नोट गिनने के लिए मशीनों मंगानी पड़ी. जहांगीर आलम के घर से सबसे ज्यादा 31.20 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं. इस छापेमारी में कुछ सरकारी कागजात भी बरामद किए गए हैं.
वहीं सचिव संजीव लाल की पत्नी के साथ ही बिजनेसमैन मुन्ना सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के अभियंता कुलदीप मिंज और विकास कुमार के घरों पर छापेमारी की गई. यहां से भी कैश बरामद हुआ है.
बता दें कि ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था.
संजीव कुमार लाल झारखंड प्रशासनिक सेवा (JPSC) के पहले बैच के अधिकारी हैं. वो इससे पहले बीजेपी की रघुबर दास सरकार में मंत्री सीपी सिंह और अर्जुन मुंडा सरकार में मंत्री रहीं बिमला प्रधान के भी सचिव रह चुके हैं.
मंगलवार, 7 मई को संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को 6 दिनों के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया गया है.
कौन हैं अलमागीर आलम?
कांग्रेस नेता आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री हैं. वह पाकुड़ निर्वाचन क्षेत्र से चार बार के विधायक हैं.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के डाटा के मुताबिक, 1954 में जन्में आलमगीर आलम ने 1974 में भागलपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है.
साहिबगंज जिले के निवासी, आलमगीर पहली बार 2000 में झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने 2004 में फिर से जीत हासिल की.
आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे.
2009 में वह विधानसभा चुनाव हार गए, लेकिन 2014 और 2019 में झारखंड विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की.
myneta.info पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 2019 के चुनावी शपथ पत्र में उन्होंने किसी भी आपराधिक मामले की घोषणा नहीं की थी. वहीं 2014 में उन्होंने एक मामले की जानकारी दी थी.
ईडी की कार्रवाई के बाद आलमगीर आलम ने किसी भी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले धैर्य और संयम बरतने की अपील करते हुए कहा,
“संजीव लाल एक सरकारी मुलाजिम हैं और हमारे निजी सचिव हैं. हम निजी सचिव का चुनाव अनुभव के आधार पर करते हैं. वे पहले भी 2-2 मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं. फिलहाल, जो आप देख रहे हैं, वही हम भी टीवी के माध्यम से देख रहे हैं. ईडी का क्या निष्कर्ष आएगा वह देखा जाएगा.”
PM मोदी ने साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 7 मई को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में चुनावी सभा के दौरान इस ED रेड की चर्चा करते हुए कहा कि “झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं.”
PM मोदी ने कहा, “पूरा देश टीवी पर देख रहा है, झारखंड में ED ने नोटों के पहाड़ खोदकर निकाले हैं. कांग्रेस के मंत्री के निजी सचिव के नौकर के पास से ये नोटों का पहाड़ निकला है. कांग्रेस वालों ने अपने नौकर के घर को काली कमाई का गोदाम बना रखा था."
"मोदी जब इनकी काली कमाई पकड़ लेता है तो ये मोदी को गालियां देते हैं. लेकिन मोदी को गालियों की नहीं, गरीब की चिंता है. उस गरीब की जिसका पैसा इन भ्रष्टाचारियों ने लूटा है. मैं कानूनी राय ले रहा हूं कि जिनको इन लोगों ने लूटा है, उनका पैसा कैसे वापस लौटाया जा सकता है."पीएम मोदी
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के उजियारपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, "कल झारखंड में इंडी गठबंधन के मंत्री के सचिव के नौकर के यहां से 30 करोड़ रुपये मिले. इसके 2 महीने पहले कांग्रेस सांसद के यहां से 350 करोड़ रुपया मिला, इससे कुछ समय पहले ममता बनर्जी के मंत्री के घर 51 करोड़ रुपया मिला था."
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