पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में कोर्ट ने छह आरोपियों को बरी कर दिया है. अलवर कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है.
बता दें, इस मामले में कुल 9 आरोपी बनाए गए थे. इनमें से तीन आरोपी नाबालिग थे. बाकी के 6 आरोपियों को कोर्ट ने बुधवार को आरोपों से बरी कर दिया है.
गहलोत बोले- पहलू खान के परिवार को न्याय दिला कर रहेंगे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार मॉब लिंचिंग के शिकार हुए पहलू खान के परिवार वालों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार इस मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देगी.
गहलोत ने ट्वीट किया,
‘‘हमारी राज्य सरकार ने मॉब लिचिंग के खिलाफ अगस्त 2019 के पहले सप्ताह में ही कानून बनाया है. हम पहलू खान के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं. राज्य सरकार अतिरिक्त सत्र न्यायालय (एडीजे) के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी.’’
पहलू खान केस पर क्विंट की खास चर्चा
पुलिस ने पहले ही दे दी थी क्लीनचिट
अलवर के पहलू खान की हत्या के आरोपियों को कोर्ट ने भले ही आज बरी किया हो, लेकिन पुलिस ने इन आरोपियों को पहले ही क्लीनचिट दे दी थी. डेयरी कारोबारी पहलू खान की हत्या के लिए 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था. हिंदुस्तान टाइम्स ने 14 सितंबर 2017 को एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें कहा गया था कि पुलिस सभी 6 आरोपियों को क्लीन चिट दे रही है.
ओम यादव (45), हुकुम चंद यादव (44), सुधीर यादव (45), जगमाल यादव (73), नवीन शर्मा (48) और राहुल सैनी (24) आरोपित बनाए गए थे.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों की मानें तो घटना के वक्त सभी आरोपी जगमाल यादव की राठ गोशाला में थे. मतलब ये कि जहां पहलू खान की हत्या की गई थी यह गोशाला मौका-ए-वारदात से चार किलोमीटर दूर है. इन सभी के कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल की लोकेशन से भी इन बयानों की पुष्टि की गई है. जांच अधिकारी ने इन निष्कर्षों के आधार पर सभी आरोपियों को आरोपमुक्त करने की सिफारिश की थी.
क्या था पहलू खान लिंचिंग केस?
राजस्थान के अलवर में पहलू खान डेयरी कारोबारी थे. वो जयपुर से गाय खरीद कर हरियाणा अपने घर नूह ले जा रहे थे.पहलू खान के पास जानवरों को लाने-जाने के लिए जरूरी परमिट भी था. लेकिन गोरक्षकों के एक समूह ने उन्हें रास्तें में रोक कर बुरी तरह पीटा जिससे उनकी मौत हो गई.
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