रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सभी स्वीकृत राफेल लड़ाकू विमान अप्रैल 2022 तक भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिए जाएंगे. इस साल के मार्च तक 7 और राफेल बेड़े में शामिल कर लिए जाएंगे. भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 11 राफेल लड़ाकू विमान हैं. भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि फ्रांस से बिना रुके लगातार उड़ान भरते हुए 3 राफेल लड़ाकू विमान 27 जनवरी की रात को भारत पहुंचे थे. इन 3 जेट विमानों के साथ अब तक 8 राफेल विमानों को बेड़े में शामिल कर लिया गया है.
यह राफेल विमानों का तीसरा बैच था, फ्रांस के इस्ट्रेट्स एयर बेस से उड़ान भरने के बाद 7,000 किमी से अधिक की यात्रा कर ये विमान भारत पहुंचे थे और उड़ान के दौरान रास्ते में ही इनमें ईंधन भरा गया था. बता दें कि ये राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी डसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है.
इससे पहले 29 जुलाई, 2020 को भारत को 5 राफेल विमानों का पहला बैच मिला था, इन्हें पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस में 17 'गोल्डन एरो' स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था, इसके बाद 3 राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बैच 4 नवंबर, 2020 को आया था.
बता दें कि भारत ने 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए फ्रांस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है और यह लेटेस्ट हथियार, बेहतर सेंसर और फुली इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर से लैस है. यह एक ओमनी-रोल एयरक्राफ्ट है, इसका मतलब है कि यह एक बार में कम से कम चार मिशन पर काम कर सकता है.
इसके अलावा इस फाइटर जेट में हैमर मिसाइलें भी हैं, यह उल्का पिंड, एससीएएलपी और एमआईसीए जैसी विजुअल रेंज की मिसाइलों से भी लैस होगा. इस कारण दूर से आने वाले टारगेट्स को भी यह देख सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)