इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, जिसे पूर्व का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है. पूरी यूनिवर्सिटी इस समय सुलग रही है. वहां के वर्तमान छात्र और पूर्व छात्रों का कहना है कि जिस यूनिवर्सिटी ने हमारे हाथों में कलम थमाई वही यूनिवर्सिटी आज सर पर डंडा मार रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्या मामला है? दरअसल, ये मामला फीस वृद्धि को लेकर है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फीस में 100%, 200%, 300% नहीं बल्कि करीब 400 फीसदी बोढ़तरी की है. इससे वहां के छात्रों और छात्र संगठनों में नाराजगी है. अब इस मामले ने और तुल पकड़ लिया है. आइए जानते हैं कब से ये मामला चल रहा है और अब तक क्या-क्या हुआ है?
सितंबर 2022
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में परिषद ने चार गुना फीस वृद्धि पर मुहर लगाई. इसके फैसले के बाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध जाता. छात्र संगठन समाजवादी, ABVP, NSUI ने भी विरोध जताया और अनशन पर बैठ गए. छात्रों का भारी विरोध प्रदर्शन देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक निजी कंपनी को सिक्योरिटी का ठेका दे दिया. इसी कंपनी के सुरक्षा गार्डों के जिम्मे पूरी यूनिवर्सिटी की सुरक्षा थी. फीस वृद्धि के बाद छात्रों द्वारा सितंबर महीने से ही प्रदर्शन जारी है. छात्रसंघ भवन के पास बैठकर छात्र फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं.
19 दिसंबर
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक पूर्व छात्र नेता विवेकानंद पाठक यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस दौरान वहां मौजूद एक सुरक्षागार्ड से उनकी कहासुनी हो गई. ये कहासुनी इतनी बढ़ गई कि हवाई फायरिंग और पत्थरबाजी में बदल गई. विवेकानंद पाठक उसमें बुरी तरह से जख्मी हो गए.
मैं यूनिवर्सिटी के कैंपस वाले बैंक में KYC कराने जा रहा था. इस दौरान वहां मौजूद गार्ड ने जाने से रोक दिया. मैंने जब उससे पूछा कि मुझे अपने काम से जाना है, तो इसपर उसने मेरे साथ झड़प शुरू कर दी और बंदूक की बट से मेरे ऊपर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे मेरा सिर फट गया. मैं जमीन पर गिर गया. मुझे जमीन पर गिरते देख वहां मौजूद छात्र मुझे उठाने के लिए दौड़े तो गार्ड ने फायरिंग शुरू कर दी.क्विंट से घायल पूर्व छात्र विवेकानंद पाठक
हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसके अलग अपनी बात कही. प्रशासन ने पुलिस पर भी मूकदर्शक होने का आरोप लगाया. यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय की PRO जयाकपूर ने क्विंट से बातचीत में बताया था कि...
जिस छात्र नेता को चोट लगी वो यहां का छात्र भी नहीं था. उसने जबरदस्ती गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की, जिसका वहां मौजूद गार्डों ने विरोध किया. जिसके बाद बाहर से आए उपद्रवीय छात्रों ने गार्ड पर हमला कर दिया. उनके साथ मारपीट की.उपद्रवियों ने झुंड बनाकर परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे परिसर में भय का माहौल पैदा हो गया. उपद्रवियों ने एक मोटरसाइकिल को आग लगाई. दो शिक्षकों की कार के शीशे तोड़े, एक जनरेटर में आग लगाई और विश्वविद्यालय की कैंटीन में आगजनी की. इसके साथ ही वे फायरिंग भी कर रहे थे.जया कपूर, PRO, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी की PRO जया कपूर ने पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को मूक दर्शक बनकर देख रही थी, जो बेहद अफसोस जनक था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के किसी भी गॉर्ड ने गोली नहीं चलाई, जबकि उपद्रवी तत्वों की ओर से बराबर हवाई फायरिंग करी जा रही थी.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर हर्ष कुमार ने क्विंट से बताया था कि...
जिस पूर्व छात्र नेता विवेकानंद पाठक को चोट आई है, उसने मेरे पास फोन किया था. उसने गेट खुलवाने के लिए मुझे कॉल किया था, लेकिन मैंने उसे मना कर दिया. मैंने उससे कहा कि वो गेट बंद है. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से पहले ही नोटिस जारी कर गेट को बंद कर दिया गया है. उसके बदले दूसरा गेट खोला गया है. अगर आपको बैंक में काम है तो आप उस गेट से चले जाइए. लेकिन, वो गार्ड से बदसलूकी करने लगे और गार्ड को थप्पड़ मार दिया. जिसके बाद बवाल बढ़ गया.
यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने 20 नवंबर को बुलाई छात्रों की बैठक
छात्रों के ऊपर सुरक्षा गार्डों द्वारा हमले किए जाने के खिलाफ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने मौजूदा और पूर्व छात्रों की बैठक बुलाई. इसके लिए उन्होंने ट्वीट कर सभी को इकट्ठा होने की अपील की.
20 दिसंबर
छात्रों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने तीन सुरक्षा गार्डों को नामजद करते हुए 40 अज्ञात सुरक्षा गार्डों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद पुलिस ने क्रॉस FIR कर दी. छात्रों के खिलाफ भी सुरक्षा गार्डों ने FIR दर्ज करा दी. इसके बाद छात्रों में और रोष व्याप्त हो गया. आंदोलन देने की चेतावनी के बाद छात्रों को ऊपर से मामले हटाए गए.
छात्रों की मांग थी कि आरोपी सुरक्षा गार्डों की गिरफ्तारी हो. छात्रों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने आश्वासन दिया कि 48 घंटे के अंदर आरोपी गार्डों की गिरफ्तारी की जाएगी.
21 दिसंबर
फीस वृद्धि को लेकर अभी भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. वो छात्रसंघ भवन पर अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने इस पूरे मामले को लेकर MHRD मंत्रालय को लेकर पत्र भी लिखा है. पत्र के जरिए VC और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
क्या कह रहे छात्र?
छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने सीधे 300 से 400 गुना फीस बढ़ाई है, और वे इसका विरोध करते हैं. नया सर्कुलर जारी होते ही छात्र इसके विरोध में उतर आए थे और तब से ही अलग अलग छात्र संगठन, इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. कुछ छात्र, बीते 100 दिनों से आमरण अनशन पर भी बैठे हैं. छात्रों की मांग है कि, इस फीस वृद्धि के फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि इससे गरीब छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
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