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Allahabad University:छात्रों और सुरक्षा गार्डों ने एक दूसरे के ऊपर दर्ज कराई FIR

विश्वविद्यालय परिसर में 19 दिसंबर को छात्रों और सुरक्षा गार्डों के बीच हिंसक झड़प सामने आई थी

Published
भारत
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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा दर्ज कर लिया है. विश्वविद्यालय परिसर में 19 दिसंबर को छात्रों और सुरक्षा गार्डों के बीच हिंसक झड़प सामने आई थी. झड़प में जहां छात्रों ने आरोप लगाया था कि सुरक्षा गार्डों ने जमकर लाठी बरसाईं और फायरिंग की वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों पर अराजकता का आरोप लगाया था.

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इस मामले में पीड़ित छात्रों की तरफ से पूर्व छात्र और नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के नेता विवेकानंद पाठक की तहरीर पर प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पुलिस सूत्रों की मानें तो तीन नामजद और 40 अज्ञात गार्डों के खिलाफ यह मुकदमा लिखा गया है.

वहीं सुरक्षा गार्डों की तरफ दर्ज मुकदमे में पूर्व छात्र नेता विवेकानंद पाठक समेत आठ छात्रों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.

तहरीर में आरोप लगा है कि छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ गाली गलौज और मारपीट की. बाद में विवाद बढ़ने पर उन पर पत्थर भी बरसाए गए तथा विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद चार पांच गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और 10 से 12 गाड़ियों में छात्रों द्वारा तोड़फोड़ की गई.

वहीं, क्विंट से बातचीत में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. रिचा सिंह ने बताया कि

छात्रों के खिलाफ एक क्रॉस एफआईआर की गई है, जिससे छात्रों में गुस्सा है. जिनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ उनके ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है. विश्वविद्यालय प्रशासन बात नहीं कर रहा है. प्रशासन को छात्रों से बात करनी चाहिए, और आखिर पुलिस और प्रशासन की जरूरत क्यों पड़ रही है.

विश्वविद्यालय में बाहरी अराजक तत्वों के घुसने के सवाल पर रिचा ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय में चारों ओर से एक बड़ी बाउंड्री हो रखी है, और बाहर से किसी के घुसने का कोई सवाल नहीं है.

उन्होंने आगे बताया कि विश्वविद्यालय ने छात्रों पर जो मुकदमे दर्ज कराए हैं, उन्हें वापस लेना चाहिए. और विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पदाधिकारी हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की जाए. छात्रों से बातचीत की जाए और जो दोषी गार्ड हैं, उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए.

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई हिंसक घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. जहां एक वीडियो में सुरक्षाकर्मी छात्र नेता विवेकानंद पाठक को पीटते हुए नजर आ रहे हैं वहीं छात्रों की अराजकता भी कैमरे में कैद हो गई है. स्थानीय पुलिस ने घटना में दर्ज दोनों मुकदमों में जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच 400% फीस वृद्धि को लेकर हो रही हड़ताल से तनातनी बनी हुई है. जहां आंदोलन कर रहे छात्र फीस वृद्धि को लेकर लामबंद हैं वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन भी अपने फैसले पर अड़ा हुआ है. इस मामले की गूंज अभी हाल ही में संसद में भी गूंजी जब कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हो रहे आंदोलन और फीस वृद्धि से छात्रों के कथित उत्पीड़न के मामले को उच्च सदन के सामने रखा. छात्रों का पक्ष रखते हुए प्रतापगढ़ी ने राज्यसभा में बोला कि पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पुलिस के बूटो तले रौंदा जा रहा है.

इनपुट सुधीर शुक्ला

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