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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन होगी थर्ड ईयर परीक्षा, छात्र कर रहे थे प्रदर्शन

Allahabad university ने छात्रों की एक मांग मानी तो स्टूडेंट फिर से आंदोलन करने लगे

भारत
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उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के छात्र-छात्राओं के पिछले एक महीने से अधिक तक प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन एग्जाम करवाने का ऐलान किया है. इससे पहले AU प्रशासन द्वारा फैसला किया गया था कि सभी परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी. जिसके बाद स्टूडेंट्स ने कैंपस में प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जब विद्यार्थियों को लगा कि उनकी बातें नहीं सुनी जा रही हैं तो कुछ छात्रों ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की, कुछ ने मिट्टी का तेल पीने की कोशिश की. इसके बाद प्रशासन को झुकना पड़ा.

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सेकंड ईयर के स्टूडेंट होंगे प्रमोट

विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐलान किया है कि सेकेंड इयर के सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट किया जाएगा और थर्ड इयर के सभी छात्र-छात्राओं का एग्जाम ऑनलाइन लिया जाएगा.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया कि हाई पावर समिति द्वारा 24 /03/22 को online/offline परीक्षा मोड पर निर्णय के विरोध में 25 मार्च को कुछ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था और उन्होंने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया. किसी अनिष्ट की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध किया.

ट्वीट में लिखा गया कि कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय प्रशासन की एक आवश्यक बैठक में निर्णय लिया गया है कि स्नातक द्वितीय वर्ष के सभी छात्रों को प्रमोट किया जाएगा और तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन मोड में ली जाएगी जिसकी विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी.

इससे पहले यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने फैसला किया था कि सभी एग्जाम केवल ऑफलाइन मोड में ही करवाए जाएंगे.

बता दें कि प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं का एग्जाम ऑफलाइन ही होगा क्योंकि उनकी क्लासेज रेगुलर ऑफलाइन चली हैं.

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'होगी अनुभव की कमी'

बीए तृतीय वर्ष की छात्रा समरोज जहां ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि ज्यादातर क्लासेज ऑनलाइन ही चली हैं. इस तरह से देखा जाए तो ऑनलाइन एग्जाम का फैसला सही है. लेकिन आगे के एग्जाम्स के लिए हमारे पास अनुभव की कमी होगी क्योंकि यूनिवर्सिटी में अभी तक हमने ऑफलाइन एग्जाम नहीं दिया है और हम इस साल ग्रेजुएट हो जाएंगे.

लॉ डिपार्टमेंट, प्रथम सेमेस्टर के छात्र मोहम्मद आमिर ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जो फैसला लिया है वो स्वागतयोग्य है क्योंकि फर्स्ट सेमेस्टर के जो स्टूडेंट्स हैं उनके सिलेबस में 30 प्रतिशत की कटौती करते हुए पिछले 22 फरवरी से क्लासेज ऑफलाइन चल रही हैं, इसलिए हमारी परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी. जो बच्चे ऑनलाइन एग्जाम के लिए प्रोटेस्ट कर रहे थे वो अपनी जगह सही हैं क्योंकि अगर उनकी क्लासेज ऑनलाइन चली हैं तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में ही होनी चाहिए.

'अच्छा नहीं होगा प्रभाव'

मनोविज्ञान डिपार्टमेंट से मास्टर ऑफ आर्ट फाइनल इयर के छात्र विकास गोंड ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि भले ही बच्चों के लिए अच्छी बात है लेकिन अगर सही तरह से देखा जाए तो इसका प्रभाव अच्छा नहीं होगा क्योंकि जितने भी नेट और जेआरएफ जैसे कॉम्पटेटिव एग्जाम्स हैं, उन्हें ऑफलाइन ही देना पड़ेगा. इस तरह से अभी की ऑनलाइन परीक्षाओं का बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

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बीए तृतीय वर्ष के छात्र मोह्म्मद सैफ कहते हैं कि 11 फरवरी के पहले तक क्लास ऑनलाइन चल रही थी, उसके बाद 14 फरवरी को मीटिंग होती है उसमें ये फैसला लिया जाता है कि एग्जाम्स ऑफलाइन होंगे. अगर ऑनलाइन क्लास चली है तो एग्जाम भी ऑनलाइन होने चाहिए.

महीनों से चल रहा था प्रदर्शन

Allahabad university ने छात्रों की एक मांग मानी तो स्टूडेंट फिर से आंदोलन करने लगे

प्रदर्शन कर रहे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स

(फोटो- क्विंट हिंदी)

विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा पिछले लगभग 40 दिनों से कैंपस में प्रोटेस्ट चल रहा था. आंदोलन कर रहे स्टूडेंट्स ने पिछले दिनों अपने खून से देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम भी पत्र लिखा.

Allahabad university ने छात्रों की एक मांग मानी तो स्टूडेंट फिर से आंदोलन करने लगे

स्टूडेंट्स के द्वारा अपने खून से राष्ट्रपति ने नाम लिखा गया पत्र 

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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नई मांग के साथ फिर से शुरू हुआ है प्रदर्शन

ऑनलाइन एग्जाम करवाने की मांग पूरी होने के बाद विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने सोमवार, 28 मार्च से एक नई मांग के साथ प्रदर्शन शुरू किया है. अब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की मांग है कि AU की सेंट्रल लाइब्रेरी को 24 घंटो के लिए खोला जाना चाहिए.

मौजूदा वक्त में यूनिवर्सिटी में बनी लाइब्रेरी को सिर्फ सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही खोला जाता है. अगर कोरोना महामारी के पहले की बात की जाए तो पुस्तकालय रात 9 बजे खोला जाता था, लेकिन अब स्टूटेंड्स ने मांग की है कि इसे 24 घंटे खोला जाना चाहिए.

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