सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई कई मुठभेड़ों के फर्जी होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है.
पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने आरोप लगाया कि हाल में उत्तर प्रदेश में 500 मुठभेड़ हुई है, जिनमें कुल 58 लोग मारे गए. पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध को स्वीकार नहीं किया. आयोग ने भी इस मुद्दे पर पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से पुलिस अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. इसमें कई ईनामी बदमाशों का एनकाउंटर हुआ है. हालांकि, इनमें से कुछ एनकाउंटर ऐसे भी हैं, जिसमें पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं.
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