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साथी पर FIR, प्रतीक सिन्हा बोले- काम के लिए किया जा रहा टारेगट

प्रतीक सिन्हा ने क्विंट से बातचीत में कहा कि जुबैर को उनके काम के लिए टारगेट किया जा रहा है.

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Alt न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दो FIR पर फाउंडर प्रतीक सिन्हा का कहना है कि वो इस अन्याय के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. क्विंट से खास बातचीत में सिन्हा ने कहा, “हमें आयोग के स्तर पर जवाब देने का मौका नहीं दिया गया, इसलिए हम कोर्ट में ये सुनिश्चित करने के लिए जाएंगे कि ये अन्याय, कानूनी तंत्र का दुरुपयोग, इससे आगे न बढ़े.”

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जुबैर समेत तीन लोगों पर आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत दिल्ली और रायपुर में एफआईआर दर्ज हुई हैं. जुबैर पर ट्विटर के जरिए एक छोटी बच्ची को धमकाने और टॉर्चर करने का आरोप लगा है.

प्रतीक सिन्हा ने क्विंट से बातचीत में कहा कि जुबैर को उनके काम के लिए टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि Alt न्यूज में जुबैर ने कई फेक दावों की सच्चाई सामने लाई, जो बड़े और पावरफुल ऑर्गनाइजेशन फैला रहे थे.

स्नैपशॉट
  • जुबैर पर नेशनल कमशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की शिकायत के बाद FIR दर्ज की गई है.
  • शिकायत मोहम्मद जुबैर के उस ट्वीट को लेकर है, जो उन्होंने 6 अगस्त को शेयर किया था. इसमें जुबैर एक शख्स के ‘अपमानजनक’ मैसेज का जवाब दे रहे थे. ये शख्स @JSINGH2252 हैंडल से ट्वीट करता है.
  • ‘अपमानजनक’ ट्वीट का जवाब देते हुए जुबैर ने @JSINGH2252 की प्रोफाइल फोटो को पोस्ट किया. ऐसा करते हुए उन्होंने फोटो में मौजूद बच्ची को ब्लर कर दिया था.
  • जुबैर ने ट्वीट किया, “हेलो जगदीश सिंह... क्या आपकी क्यूट पोती सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देने के आपके पार्ट-टाइम काम के बारे में जानती है? मैं आपको प्रोफाइल पिक्चर बदलने का सुझाव देता हूं.”

पॉक्सो एक्ट पर सिन्हा ने उठाए सवाल

सिन्हा ने जुबैर पर लगे पॉक्सो एक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, "वो पॉक्सो के तहत जुबैर पर आरोप लगा रहे हैं, जो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध है. पहली बात, जुबैर ने बच्चे पर डायकेक्ट कोई टिप्पणी नहीं की. उनकी टिप्पणी का उद्देश्य बच्चे के अभिभावक से ये पूछना था कि जब वो अपने प्रोफाइल पर बच्चे की फोटो लगाता है, तो वो इस तरह की अपमानजनक बातें कैसे कर सकता है?"

“ये बिल्कुल भी वैलिड केस नहीं है. उन्होंने निजी जानकारी पब्लिश करने की बात कही है. उसमें कोई निजी जानकारी पब्लिश नहीं हुई. जुबैर ने ट्वीट में शख्स की प्रोफाइल फोटो पोस्ट की थी. दूसरी बात, उन्होंने पीछा करना भी लिखा है. उस शख्स पर जुबैर का केवल एक ही ट्वीट था, वो भी एक अपमानजनक ट्वीट के जवाब में. जगदीश सिंह (@JSINGH2252) की तरफ से जुबैर को लेकर कई अपमानजनक ट्वीट किए गए, तो पीछा असल में कर कौन रहा है? तीसरी बात, बच्चे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई थी. फोटो को भी ब्लर किया गया था.”
प्रतीक सिन्हा ने क्विंट से कहा

'प्रक्रिया एक सजा है'

सिन्हा का कहना है कि पिछले साढ़े तीन साल से जब से वो Alt न्यूज चला रहे हैं, उनका सरकार से कभी सीधा सामना नहीं हुआ.

सिन्हा ने बताया, "हमें निजी पार्टियों ने मानहानि के नोटिस भेजे हैं, जैसे जिन मीडिया संगठनों को हमें एक्सपोज किया, लेकिन उनमें से कोई भी मामला कोर्ट नहीं पहुंचा. वो नोटिस के स्तर पर ही खत्म हो गया. ये पहली बार है जब हमें ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक तरीके से डायरेक्ट एक्शन लिया गया है."

“एक सरकारी संगठन साफ तौर से कानूनों का दुरुपयोग कर रहा है और जुबैर को निशाना बना रहा है. ये हमें धीमा करने की कोशिश का प्रयास है. सरकार ने इसी रणनीति को अपनाया है- मीडिया संगठनों के खिलाफ कई मामले दर्ज करना. कई मामलों में वो सजा के रूप में प्रक्रिया का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, कोर्ट में मामला खत्म होता है या नहीं, लेकिन जुबैर के केस में उनके नाम पर एक बेतुका आरोप लगाया गया है.”
प्रतीक सिन्हा ने क्विंट से कहा

हालांकि, वो ये भी मानते हैं कि देश के मौजूदा राजनीतिक माहौल में, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए नियम सभी के समान नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "ये पहली बार है जब हमने सरकार को अपने खिलाफ जाते देखा है. इसका मतलब है कि सरकार हमेशा इन चीजों को करने के मौके तलाशती रहती है. इसलिए, हमें काफी सावधान रहना होगा. हम सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं, इसे लेकर सावधान रहे हैं. मेरा नियम है- क्या मैं किसी Alt न्यूज आर्टिकल में कुछ लिखूंगा? अगर हां, तो केवल तभी मैं उसे ट्विटर पर डालूंगा."

'जुबैर मुस्लिमों की बुलंद आवाज हैं'

जुबैर के खिलाफ दर्ज FIR के बाद, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या उन्हें मुस्लिम होने के लिए टारगेट किया जा रहा है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिन्हा ने कहा कि वो "100 फीसदी श्योर" नहीं हैं कि जुबैर को मुस्लिम होने के लिए टारगेट किया जा रहा है, लेकिन देश ऐसे मामले देख चुका है.

“इसमें कोई शक नहीं है कि जुबैर एक बुलंद मुस्लिम आवाज हैं. उनका काम जाना जाता है और वो Alt न्यूज का अहम हिस्सा हैं. अपने काम से अलग भी उनकी सोशल मीडिया पर एक पहचान है. मैं 100 फीसदी नहीं कह सकता कि उनके धर्म के कारण ऐसा हुआ है, लेकिन इससे पहले ऐसा दूसरों के साथ हो चुका है. कफील खान, उमर खालिद, राणा अय्यूब... ऐसे कई मामले हैं जहां पहचान को लेकर लोगों को टारगेट किया गया है. मैं श्योर नहीं हो सकता, लेकिन पुरानी घटनाएं बताती हैं कि सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वाली मुस्लिम आवाजों को टारगेट किया जाता है.”
प्रतीक सिन्हा ने क्विंट से कहा

सिन्हा ने बताया कि इस केस का टीम और कंपनी की प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ा है. उन्होंने कहा, "हम काफी छोटी टीम हैं. मैं मेरी मां (निरझरी सिन्हा, डायरेक्टर) और जुबैर केस में उलझे हैं, क्योंकि हमें जुबैर का साथ देना है. उन्हें उनके काम के लिए टारगेट किया जा रहा है. ये आपसे आपका काफी प्रोडक्टिव समय छीन लेता है. लेकिन अगर वो ये सोच रहे हैं कि हमारे अंदर डर पैदा कर देंगे, तो ऐसा नहीं होगा."

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