राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में इंडिया गेट (India Gate) पर 24 घंटे जलने वाली 'अमर जवान ज्योति' की हमेशा जलती रहने वाली मशाल अब 50 साल बाद अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) की मशाल के साथ मिला दी गई है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद कांग्रेस और अन्य तमाम विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि 5 दशकों से जल रही अमर जवान ज्योति को बुझाया जा रहा है.
दूसरी ओर सरकार ने सफाई दी है कि इसे बुझाया नहीं गया है बल्कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ मर्ज किया गया है.
बता दें कि अमर जवान ज्योति पर हमेशा से तीनों सेनाओं के प्रमुख और आने वाले प्रतिनिधि जाकर अपना सिर झुकाते थे और शहीदों का नमन करते थे. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे सभी महत्वपूर्ण दिनों पर भी, तीनों सेनाओं के प्रमुख अमर जवान ज्योति पर जाते थे.
आइए जानते हैं इसके इतिहास के बारे में...
अमर जवान ज्योति के रूप में जानी जाने वाली शाश्वत ज्वाला इंडिया गेट आर्च के नीचे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में 1972 के दौरान स्थापित की गई थी.
शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति
सन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी. इस युद्ध में भारतीय सेना के लगभग 3.5 हजार से अधिक जवान शहीद हुए थे. बाद में इन्हीं शहीदों की याद में सरकार द्वारा अमर जवान ज्योति को जलाने का फैसला लिया गया था.
इंडिया गेट के नीचे एक काले रंग का स्मारक बनाया गया और उस पर देवनागरी लिपि में ‘अमर जवान’ लिखा गया. इसी के साथ इस स्मारक पर एल1ए1 सेल्फ लोडिंग राइफल भी रखी गई और राइफल के ऊपरी हिस्से पर सैनिक का हेलमेट लगाया गया है.
इस स्मारक को कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित किया गया था और साल 1972 के दौरान 26 जनवरी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने स्मारक का उद्घाटन किया था.
अब वॉर मेमोरियल में जलेगी अमर जवान ज्योति
अमर जवान ज्योति स्मारक में एक लौ हमेशा जलती रहती थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक 2006 तक इसे जलाने के लिए लिक्विड पेट्रोलियम गैस का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन उसके बाद इसे जलाने के लिए सीएनजी का प्रयोग किया जाने लगा.
यह ज्योति अब जहां जलाई जाएगी वो जगह नेशनल वॉर मेमोरियल है, जो इंडिया गेट से 400 मीटर दूर स्थित है. बता दें कि यह मेमोरियल कुल 40 एकड़ की जगह में फैला हुआ है.
25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल का का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट की गोलियों पर स्वर्ण अक्षरों में 25,942 सैनिकों के नाम लिखे गए हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं... हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने ट्वीट में केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि उन्हें हर जलती हुई मशाल से नफरत है, हर लौ बुझा देना चाहते हैं वो.
इमरान ने आगे लिखा कि 1971 भारत-पाक युद्ध में शहादत देने वाले अमर सपूतों की याद में 50 साल से जल ही अमर जवान ज्योति को बुझाना इस सरकार का सबसे शर्मनाक काम है. सनकी सरकार की सनक हर निशानी मिटा देना चाहती है.
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं. अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है, इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्वाला में मर्ज किया जा रहा है.
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