ADVERTISEMENTREMOVE AD

कश्मीर में जो हुआ उस पर भारतीय होने के नाते गर्व नहीं:अमर्त्य सेन 

नोबेल अवार्ड से सम्मानित अमर्त्य सेन ने कहा कि लोकतंत्र के बगैर कश्मीर मुद्दे का हल निकालना नामुमकिन

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

नोबेल अवार्ड विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कश्मीर पर सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि एक भारतीय होने के नाते मुझे इस पर गर्व नहीं है. यह फैसला न सिर्फ बहुसंख्यकों के शासन पर जोर देता है बल्कि हर किसी के मानवाधिकार के खिलाफ है. मुझे नहीं लगता कि बगैर डेमोक्रेसी के हम कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकाल सकेंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में 85 साल के अमर्त्य सेन ने कहा

मैं इस बात पर गर्व नहीं कर सकता कि एक लोकतांत्रिक के देश के तौर पर भारत ने यह फैसला कर अपनी प्रतिष्ठा खो दी है.भारत पहला ऐसा गैर पश्चिमी देश था,जिसने लोकतंत्र को अपनाया था.

जम्मू-कश्मीर की जमीन पर वहां के लोगों का हक

जम्मू-कश्मीर में राज्य के बाहर के लोगों के जमीन खरीदने के सवाल पर सेन ने कहा कि यह फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों को करने देना चाहिए. यह फैसला वहां के लोगों पर छोड़ना चाहिए. आखिर यह जमीन उनकी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेन ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की गिरफ्तारी की भी जबरदस्त आलोचना की है. उन्होंने कहा

मुझे नहीं लगता कि लोगों के नेताओं की आवाज सुने बगैर आप कश्मीर लोगों के साथ न्याय कर सकते हैं. अगर आप इससे पहले देश का नेतृत्व कर चुके और सरकारें बना चुके कश्मीरियों के नेताओं पर बंदिश लगा रहे हैं या उन्हें जेल में डाल रहे हैं तो आप उन चीजों को कुचल रहे हैं, जिनसे आपका लोकतंत्र सफल हुआ है.

गुलाम भारत के ब्रिटिश कानून का सहारा ले रहे हैं हम

सेन ने कहा कि सरकार ने जान-माल का नुकसान न होने देने का हवाला देकर कश्मीर को सेना के हवाले कर दिया है.लेकिन यह पुराना औपनिवेशिक बहाना है. अंग्रेजों ने भी इस देश को 200 साल तक इसी तरह चलाया था. मैं सपने में भी यह नहीं सोच सकता था कि हम उपनिवेश के दौर के तौर-तरीकों को फिर अपना लेंगे और लोगों को हिरासत में रखने के कदम उठाने लगेंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×