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अमेजन पर भारत में सर्च रिजल्ट में हेरफेर और प्रोडक्ट की नकल करने का आरोप

बिक्री बढ़ाने के लिए, अमेजन ने एक तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे इसके प्राइवेट लेबल सर्च रिजल्ट में टॉप पर दिखें.

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ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी Amazon एक बार फिर विवादों में है. रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कंपनी की प्राइवेट ब्रांड टीम ने भारत में प्रोडक्ट्स की नकल की और अपने प्रोडक्ट्स को टॉप पर लाने के लिए सर्च रिजल्ट में हेराफेरी भी की.

रॉयटर्स ने अमेजन कंपनी के ईमेल, स्ट्रैटेजी पेपर्स और बिजनेस प्लान के हजारों पन्नों की जांच की और पाया कि कंपनी ने भारत में अपनी खुद की प्रोडक्ट लाइनों को बढ़ावा देने के लिए नकल बनाने और सर्च रिजल्ट में हेरफेर करने का एक व्यवस्थित अभियान चलाया. भारत, अमेजन के सबसे बड़े बाजारों में से एक है.
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अमेजन ने प्रोडक्ट्स की नकल की

दस्तावेजों से पता चलता है कि भारत में अमेजन की प्राइवेट-ब्रांड टीम ने अन्य कंपनियों द्वारा बेचे गए प्रोडक्ट की नकल करने के लिए अमेजन के इंटरनल डेटा से छेड़छाड़ की और फिर उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर पेश किया. कर्मचारियों ने अमेजन के सर्च रिजल्ट में हेराफेरी करके अमेजन प्राइवेट-ब्रांड के प्रोडक्ट्स की बिक्री को भी बढ़ाने की कोशिश की, ताकि अमेजन पर शॉपिंग करते वक्त ये प्रोडक्ट्स टॉप पर दिखाई दें.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अमेजन के इंटरनल डॉक्यूमेंट के मुताबिक, विशेष रूप से 'इंडिया प्राइवेट ब्रांड्स प्रोग्राम' नाम से भारत के लिए 2016 की रणनीति रिपोर्ट में, कर्मचारियों ने प्रोडक्ट्स की सेल नंबर्स और कस्टमर प्रोडक्ट रिव्यू जैसे जरूरी जानकारी हासिल की.

इस तरह के ऑपरेशन का उद्देश्य प्रोडक्ट की पहचान करना और उन्हें टारगेट करना होता है, और फिर उन्हें रेफर किया जाएगा, जिसके बाद अमेजन द्वारा उनकी हूबहू नकल बनाइ जाएगी और कम कीमत पर बेचा जाएगी.

सर्च रिजल्ट में हेरफेर का भी आरोप

अमेजन की अपनी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन के 50 फीसदी से ज्यादा यूजर्स ने किसी प्रोडक्ट को सर्च करते वक्त टॉप 8 रिजल्ट पर क्लिक किया.

भारत में अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए, अमेजन ने 'सर्च सीडिंग' टेकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे इसके प्राइवेट लेबल ब्रांड्स सर्च रिजल्ट में टॉप पर दिखें.

2016 की रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि अमेजन 'सर्च स्पार्कल्स' का भी इस्तेमाल करता है. ये बैनर्स होते हैं, जिन्हें जानबूझकर वेबपेज पर ऐसी जगह पर रखा जाता है ताकि यूजर्स को उन प्रोडक्ट्स की ओर डायरेक्ट किया जा सके, जिन्हें अमेजन बेचना चाहता है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी तकनीकों का उपयोग कानूनी रूप से उन प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है, जो ज्यादा डिमांड में हैं, लेकिन अमेजन जैसी कंपनी अपने प्रोडक्टस को बढ़ावा देने के लिए 'सर्च सीडिंग' और 'सर्च स्पार्कल्स' का इस्तेमाल करके प्रतिद्वंद्वी विक्रेताओं की बिक्री पर असर डाल रही हैं.

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अमेजन की प्रतिक्रिया

रॉयटर्स की रिपोर्ट पर अमेजन की प्रतिक्रिया में कहा गया है कि क्योंकि रॉयटर्स ने उनके साथ "दस्तावेजों को साझा नहीं किया", अमेजन "सत्यता या की पुष्टि करने में असमर्थ है." अमेजन ने आगे जोर देते हुए कि रॉयटर्स के "दावे तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार हैं."

कैट ने की CBI जांच की मांग

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि प्रोडक्ट्स की नकल करना और खोज में हेराफेरी करना भारत के घरेलू छोटे निर्माताओं और व्यापारियों को खत्म करने के लिए एक गंभीर अपराध है, जो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण का उल्लंघन है. कैट ने इस मामले में लगाए गए आरोपों की तत्काल CBI जांच और अमेजन द्वारा अपने कानूनी सलाहकारों के माध्यम से सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की मांग की है, जैसा कि एक दूसरी रिपोर्ट द्वारा दावा किया गया है.

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