एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने रविवार को कहा कि भारत में अमेरिकी मिशन जुलाई और अगस्त में ज्यादा से ज्यादा छात्र वीजा आवेदकों को जगह देने के लिए "सक्रिय रूप से काम" कर रहा है, और उनकी वैध यात्रा को सुविधाजनक बनाना शीर्ष प्राथमिकता है.
अमेरिकी दूतावास में वाणिज्य मामलों के मिनिस्टर काउंसलर डॉन हेफलिन ने यह भी कहा कि अमेरिका जाने वाले छात्रों को देश में प्रवेश करने के लिए COVID-19 टीकाकरण के किसी भी प्रमाण की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, उनको उड़ान भरने से 72 घंटे के भीतर हुए अपने COVID-19 टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, “अमेरिका में प्रवेश करने के लिए टीकाकरण की जरूरत नहीं है लेकिन कई संस्थानों ने अपनी जरूरतें तय की हुई हैं. अमेरिका में शिक्षा प्रणाली संघीय सरकार से स्वतंत्र रूप से संचालित होती है, और छात्रों को व्यक्तिगत टीकाकरण जरूरतों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अपने संस्थान के साथ बातचीत करनी चाहिए.”
हेफलिन का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब कोरोना वायरस महामारी के चलते वीजा मिलने में कुछ प्रतिबंधों के मद्देनजर उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाने के इच्छुक भारतीय छात्रों में चिंता बढ़ी है.
दूतावास सोमवार से भारतीय छात्रों के लिए वीजा इंटरव्यू स्लॉट देना शुरू करेगा. हेफलिन ने कहा, ''हम छात्रों और उनके परिवारों को होने वाले तनाव और चिंता को समझते हैं, और हम जुलाई और अगस्त में ज्यादा से ज्यादा छात्र वीजा आवेदकों को जगह देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. अमेरिका में वैध छात्र यात्रा को सुगम बनाना, भारत में अमेरिकी मिशन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है.''
उन्होंने कहा कि अमेरिका में एक अगस्त या इसके बाद शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू हो सकते हैं और इसके लिए अमेरिका जाने के इच्छुक छात्र शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होने से 30 दिन पहले तक वहां जा सकते हैं. हेफलिन ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय हित अपवाद (एनआईई) की जरूरत नहीं है. एनआईई के तहत अमेरिका में उन लोगों को यात्रा करने की अनुमति होती है जिनका देश में प्रवेश राष्ट्रीय हित में माना जाता है.
हेफलिन ने कहा कि छात्र अपने संबंधित विश्वविद्यालय से संपर्क में रहें ताकि अमेरिका जाने का समय तय हो सके.
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका जाने वाले छात्र के साथ उनके माता पिता साथ जाना चाहें तो क्या उन्हें वीजा मिलेगा तो अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामले में माता-पिता को सैलानी माना जाएगा और राष्ट्रपति के आदेश के तहत सैलानियों की यात्रा पर प्रतिबंध है.
भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत से कुछ गैर प्रवासियों की यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया था जो चार मई से प्रभावी है.
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