रविवार की शाम को कश्मीर (Kashmir) में आतंकवादियों ने अररिया के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं इस हमले एक मजदूर घायल हो गया था. इस घटना के बाद से प्रवासी मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन उनका आरोप है कि ठेकेदार उन्हें वापस लौटने नहीं दे रहे हैं.
बिखर गया मृतकों का परिवार
आतंकवादियों की गोलीबारी में रानीगंज के मिर्जापुर पंचायत के वॉर्ड संख्या 11 के चुनचुन ऋषिदेव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. देर रात मिर्जापुर गांव में गांववाले एकजुट होकर अपने गांव के दामाद योगेंद्र की मौत पर मातम मना रहे थे और घायल चुनचुन की सलामती की दुआ कर रहे थे.
मिर्जापुर के 20 से ज्यादा लोग कश्मीर में काम करते हैं. वे लोग वहां मजदूरी का काम करते हैं. सभी के जुबान पर एक ही शब्द था. जल्दी से उनका बेटा-पोता सकुशल वापस आ जाए. जान बचेगा तो गांव में ही रहकर नमक रोटी खा लेगा.
वहीं खेरूगंज में योगेंद्र की मां करनी देवी बेटे की मौत की खबर सुनते ही बार-बार बेहोश हो जा रही हैं. वो कहती हैं कि उनका बेटा घर में खुशहाली लाने कमाने के लिए कश्मीर गया था. लेकिन खुशहाली की जगह मौत की खबर आई.
ठेकेदार चला रहा मनमानी
योगेंद्र के ससुर तेजु ऋषिदेव का कहना है उसके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. उसका भरण पोषण कैसे होगा. बेटी खुदका और चार बच्चे का भरण पोषण कैसे करेगी. योगेन्द्र की कमाई से उसका घर चल रहा था.
मिर्जापुर के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के जो लोग गए हैं ठेकेदार सभी को लेकर कश्मीर गया था. लेकिन वहां से पांच-छह माह बीतने पर ही वापस नहीं आने दिया जा रहा है. बार-बार वे लोग ठेकेदार को फोन करते हैं तो कहता है अब वापस भेज देंगे.
मिर्जापुर के लोग देर रात पंचायत समिति सदस्य आशीष भगत के घर पहुंचकर अपने गांव के लोगों को वापस मंगाने की मांग कर रहे थे. गांव वालों का कहना था कि गांव के युवकों को वापस कश्मीर से भेज दिया जाए.
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